अवैध धर्मांतरण केस: ‘मिशन पहचान’ शुरू, छांगुर के नेटवर्क की गहराई से जांच में जुटी एजेंसियां
अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ होने के बाद अब सुरक्षा एजेंसियों ने इसके सहयोगियों की पहचान के लिए ‘मिशन पहचान’ शुरू किया है। जांच में अब तक करीब 3,000 लोगों के गिरोह से जुड़े होने की जानकारी सामने आ चुकी है। इन सभी की नाम-पते की पुष्टि करने में अब एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) के साथ स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के नौ जिलों के साथ-साथ महाराष्ट्र, हरियाणा और बिहार में भी छांगुर के नेटवर्क की सक्रियता की जांच हो रही है। साथ ही, नेपाल में छांगुर के जिन सहयोगियों की भूमिका संदिग्ध है, उन तक पहुंचने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं।
सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क में शामिल प्रशासन, राजस्व और पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को भी खंगाल रही हैं। जल्द ही बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
‘मिशन पहचान’ के तहत जिन लोगों की भूमिका संदिग्ध पाई जा रही है, उनके बैंक खाते, कॉल डिटेल और डिजिटल गतिविधियों को खंगाला जा रहा है। इससे पहले की जांच में सामने आया था कि इस गिरोह ने धर्मांतरण के लिए आर्थिक लालच, दबाव और फर्जीवाड़े का सहारा लिया।

