स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोमवार को आगरा के फतेहाबाद तहसील अंतर्गत निबोहरा गांव में छापा मारकर एक इंटरमीडिएट पास झोलाछाप को इलाज करते हुए रंगे हाथ पकड़ा। आरोपी के पास न तो कोई डिग्री थी, न ही पंजीकरण, फिर भी वह लंबे समय से अवैध रूप से मरीजों का इलाज कर रहा था।
छापेमारी के दौरान टीम ने क्लीनिक से दवाओं का बड़ा स्टॉक, सर्जिकल उपकरण और मेडिकल वेस्ट बरामद किया। स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत क्लीनिक को सील कर बंद करा दिया और आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज कराया है।
बिना डिग्री चला रहा था क्लीनिक
स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि निबोहरा क्षेत्र में एक व्यक्ति बिना किसी मेडिकल योग्यता के इलाज कर रहा है। इस पर टीम ने क्षेत्रीय पुलिस के साथ मिलकर मौके पर दबिश दी। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने पाया कि आरोपी इंटर पास है और डॉक्टर बनकर मरीजों को दवाएं और इंजेक्शन दे रहा था।
सर्जिकल सामग्री और मेडिकल वेस्ट भी मिला
क्लीनिक के अंदर से इंजेक्शन, एंटीबायोटिक्स, सर्जिकल ग्लव्स, कैनुला, और अन्य चिकित्सा उपकरण पाए गए। साथ ही, इस्तेमाल किए गए मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंका गया था, जो स्वास्थ्य मानकों और बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों का खुला उल्लंघन है।
आरोपी के खिलाफ केस दर्ज, चाबी पुलिस के हवाले
छापेमारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया है। क्लीनिक को सील कर उसकी चाबी पुलिस को सुपुर्द कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपी पर धोखाधड़ी, झोलाछाप चिकित्सा, और सार्वजनिक स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
विभाग ने दी चेतावनी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। विभाग ने जनता से भी अपील की है कि वे केवल पंजीकृत चिकित्सकों से ही इलाज कराएं और किसी झोलाछाप के झांसे में न आएं।

