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मुलायम की परछाई से कैसे आगे निकले अखिलेश, इन 5 खूबियों से पार्टी और परिवार में बने पॉवरफुल

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार यानी 1 जुलाई को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर देशभर के तमाम बड़े नेता और समर्थक उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। इसी क्रम में तमिलनाडु के....
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार यानी 1 जुलाई को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर देशभर के तमाम बड़े नेता और समर्थक उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। इसी क्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सपा अध्यक्ष को बधाई दी है। उन्होंने मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए सपा अध्यक्ष को सामाजिक न्याय की मशाल उठाने का संदेश दिया।

अपने बधाई संदेश के जरिए स्टालिन ने प्रतीक राजनीति पर ज्यादा जोर देने की कोशिश की है। स्टालिन ने अखिलेश के जन्मदिन पर जो तस्वीर शेयर की है, उसके बैकग्राउंड में पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का पोस्टर है।

एमके स्टालिन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर अखिलेश यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि 'उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आप वीपी सिंह की धरती पर सामाजिक न्याय की मशाल को आगे बढ़ाते हुए प्रगतिशील राजनीति का मार्ग प्रशस्त करें और अपने पिता मुलायम सिंह की गौरवशाली विरासत की प्रतिगामी विचारधाराओं के खिलाफ और मजबूती से खड़े हों।' वीपी सिंह के फैसले ने बदली राजनीति
आपको बता दें कि वीपी सिंह ने ही मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया था। सिंह के इस फैसले से सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिला। आरक्षण का लाभ तो मिला ही, साथ ही देश के कई राज्यों की राजनीतिक तस्वीर भी बदल गई।

अब मंडल आयोग की सिफारिशें लागू होने के करीब 35 साल बाद देश में जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना भी होगी। सपा का दावा है कि विपक्ष के दबाव के चलते ही केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने जातिगत गणना का फैसला लिया। यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही अखिलेश यादव जातिगत जनगणना की मांग उठाते रहे हैं। जून 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान भी अखिलेश समेत सभी विपक्षी दलों ने जातिगत जनगणना की मांग की थी।

देश में सामाजिक न्याय की मांग करने वाले राजनीतिक दल जातिगत जनगणना को वीपी सिंह द्वारा लागू किए गए मंडल आयोग के फैसले का अगला कदम मानते हैं। ऐसे में स्टालिन द्वारा अखिलेश के साथ अपनी तस्वीर शेयर करना, जिसमें बैकग्राउंड में वीपी सिंह हैं, को प्रतीकात्मक राजनीति माना जा रहा है।

गौरतलब है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भारत गठबंधन के प्रमुख घटक हैं और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनके करीबी संबंध हैं। दोनों नेताओं को कई बार एक ही मंच पर देखा गया है।

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