योगी सरकार की घोषणा के बाद भी नहीं शुरू हुई होमगार्ड भर्ती, नियमावली तीन माह से शासन में लंबित
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में 42,000 होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती की घोषणा किए जाने के बावजूद, अब तक शासन स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नई भर्ती की नियमावली बीते तीन महीनों से शासन के पास मंजूरी की प्रतीक्षा में पड़ी हुई है, जिससे हजारों बेरोजगार युवाओं की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है।
मुख्यमंत्री ने बीते वर्ष यह घोषणा की थी कि प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से 42 हजार होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती की जाएगी। लेकिन प्रशासनिक प्रक्रिया में देरी के कारण अब तक कोई विज्ञापन जारी नहीं हुआ है और न ही आवेदन प्रक्रिया शुरू हो सकी है।
सेवानिवृत्त हो चुके हैं 4 हजार होमगार्ड
वहीं, बीते एक वर्ष के दौरान करीब 4,000 होमगार्ड स्वयंसेवक सेवा अवधि पूरी कर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इससे होमगार्ड विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी हो गई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान समय में जिलों को मिल रहे स्वयंसेवकों की संख्या जरूरत से काफी कम है। इससे पुलिस बल, परिवहन विभाग, तहसील कार्यालय, जिला अस्पताल, वाणिज्य कर विभाग सहित कई संस्थानों को होमगार्ड सेवाएं उपलब्ध कराने में मुश्किलें हो रही हैं।
संगठन में भी बढ़ रही नाराजगी
नियुक्ति प्रक्रिया की अनदेखी से होमगार्ड संगठन में भी नाराजगी का माहौल है। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद उम्मीद जगी थी कि जल्द ही खाली पदों पर नियुक्तियां होंगी, जिससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि विभाग की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। लेकिन तीन महीने से नियमावली का शासन में लंबित रहना यह दर्शाता है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी है।
विभाग कर चुका है नियमावली का प्रस्ताव तैयार
होमगार्ड विभाग ने अपनी ओर से भर्ती नियमावली का प्रारूप तैयार कर शासन को भेज दिया है। इसमें शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा, आरक्षण, चयन प्रक्रिया और प्रशिक्षण व्यवस्था जैसे बिंदुओं का स्पष्ट उल्लेख है। लेकिन अब तक इस पर अंतिम स्वीकृति नहीं मिल सकी है। विभागीय सूत्रों की मानें तो शासन स्तर पर कुछ संशोधनों और आपत्तियों को लेकर चर्चा जारी है।
युवाओं की निगाहें शासन पर टिकीं
राज्य भर में हजारों युवा भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया और विभिन्न माध्यमों से शासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट करने का प्रयास किया है। युवाओं का कहना है कि जब घोषणा हो चुकी है, तो उसे अमल में लाने में देरी नहीं होनी चाहिए।
अब यह देखना होगा कि शासन स्तर पर यह प्रक्रिया कब गति पकड़ती है और भर्ती की अधिसूचना कब जारी होती है। फिलहाल प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार देने के इस वादे के धरातल पर उतरने का इंतजार जारी है।
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