विराजखंड और विभूतिखंड की सड़कों पर सबसे ऊंचे सर्किल रेट, राजधानी की 77 सड़कों के लिए नए मानक तय

राजधानी लखनऊ में संपत्ति खरीदने-बेचने की योजना बना रहे लोगों के लिए एक अहम अपडेट सामने आया है। राजस्व विभाग द्वारा शहर की 77 प्रमुख सड़कों के आसपास के इलाकों के सर्किल रेट (सरकारी भूमि मूल्य) पुनः निर्धारित कर दिए गए हैं। इन सड़कों में सबसे अधिक सर्किल रेट गोमतीनगर के विराजखंड और विभूतिखंड की दो सड़कों के लिए तय किया गया है, जहां दोनों ओर के क्षेत्रों में 70,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर लागू की गई है।
क्या होता है सर्किल रेट?
सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर किसी संपत्ति का पंजीकरण (रजिस्ट्री) किया जाता है। यह दर सरकार तय करती है और यह बाज़ार भाव से अलग हो सकती है। अधिक सर्किल रेट का मतलब है कि रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी भी अधिक देनी होगी।
गोमतीनगर की सड़कों पर सबसे अधिक दरें
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, विराजखंड और विभूतिखंड की दो प्रमुख सड़कों के आसपास की जमीनों का सर्किल रेट राजधानी में सबसे अधिक है। ये इलाके लखनऊ के वाणिज्यिक और आवासीय विकास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
इन दोनों क्षेत्रों में विकसित बुनियादी ढांचा, बेहतर कनेक्टिविटी और प्रमुख दफ्तरों की मौजूदगी ने यहां की जमीन की कीमतों को काफी ऊपर पहुंचा दिया है।
77 सड़कों पर निर्धारित हुए रेट
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) और जिला प्रशासन द्वारा मिलकर राजधानी की 77 प्रमुख सड़कों और उनसे सटे क्षेत्रों का चयन किया गया है, जहां नए सर्किल रेट निर्धारित किए गए हैं। यह कदम शहरीकरण और रियल एस्टेट गतिविधियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में उठाया गया है।
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार,
“सर्किल रेट की समीक्षा नियमित रूप से की जाती है ताकि बाजार भाव के अनुरूप सरकारी दरें तय की जा सकें और सरकार को राजस्व का समुचित लाभ मिल सके।”
रियल एस्टेट पर असर
नई दरों का सीधा असर संपत्ति खरीद-बिक्री, रजिस्ट्री फीस, स्टांप ड्यूटी और लोन मूल्यांकन पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जहां एक ओर यह सरकार की राजस्व वृद्धि में सहायक होगा, वहीं दूसरी ओर इससे खरीदारों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ सकता है।