बांके बिहारी कॉरिडोर विवाद पर बोलीं हेमा मालिनी — "छवि खराब करने के लिए वायरल किया गया मेरा पुराना वीडियो"
प्रस्तावित ‘बांके बिहारी कॉरिडोर’ को लेकर अपनी टिप्पणी पर स्थानीय लोगों और पुजारियों की नाराजगी का सामना करने के बाद, मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने रविवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि उनके पुराने बयान को जानबूझकर वायरल किया गया है ताकि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके और लोगों को भड़काया जा सके।
🎥 विवादित वीडियो पर सफाई
हेमा मालिनी ने स्पष्ट किया कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह बहुत पहले का बयान है, जिसे अब तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा:
“यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक पुराने वीडियो को वर्तमान संदर्भ से जोड़कर मेरी नीयत पर सवाल उठाए जा रहे हैं। मैंने कभी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का उद्देश्य नहीं रखा।”
🛕 बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर विवाद
गौरतलब है कि बांके बिहारी मंदिर परिसर में दर्शन व्यवस्था और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कॉरिडोर निर्माण का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा लाया गया है। हालांकि, इस योजना का स्थानीय पुजारियों, सेवायतों और व्यापारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि इससे मंदिर की पारंपरिक व्यवस्था और धार्मिक आस्था पर असर पड़ेगा।
🔥 आलोचना के बाद उठाया कदम
बीते शनिवार को कई पुजारियों और स्थानीय संगठनों ने सांसद हेमा मालिनी के बयान पर नाराजगी जताई थी। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ मुहिम भी चलने लगी थी। इसके बाद रविवार को हेमा मालिनी ने मीडिया से बातचीत में अपना पक्ष स्पष्ट किया।
🤝 “मैं हमेशा मथुरा के विकास और श्रद्धालुओं की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रही हूँ”
हेमा मालिनी ने कहा कि मथुरा के लिए उनका प्रेम और समर्पण जगजाहिर है। उन्होंने कहा:
“मैंने हमेशा यही प्रयास किया है कि मथुरा और वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलें। मेरा उद्देश्य किसी की आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं, बल्कि सुविधाजनक दर्शन सुनिश्चित करना है।”
📢 विपक्ष का आरोप, समर्थन भी मिला
जहां एक ओर कुछ स्थानीय संगठनों और नेताओं ने हेमा मालिनी पर स्थानीय भावना की अनदेखी का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं और कुछ संतों ने उन्हें समर्थन देते हुए कहा है कि विकास कार्यों को राजनीति का शिकार नहीं बनाना चाहिए।

