आज यानि दशहरा के अवसर पर राजधानी दिल्ली और NCR के कई इलाकों में अचानक झमाझम बारिश हुई। सुबह मौसम सामान्य और साफ था, लेकिन दोपहर तक बादल छाने लगे और अचानक कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई।
बारिश और दशहरा आयोजन
दशहरे के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले शाम को जलाए जाने थे। मगर बारिश के कारण पुतले भीग गए, जिससे आयोजकों को चिंता हुई। कुछ स्थानों पर आयोजकों ने तत्काल छतरियों और तिरपाल का इंतजाम किया ताकि पुतले और मंच की सुरक्षा की जा सके।
मौसम विभाग ने पहले से ही आगाह किया था कि दशहरे के दिन बादल छाने और हल्की बारिश की संभावना है। इसके बावजूद आयोजक और जनता सुरक्षा और तैयारी के साथ रावण दहन में शामिल हुई।
प्रभावित इलाकों में जनजीवन
बारिश के कारण दिल्ली और NCR के कई इलाके भीग गए। लोगों को छतरियों और बारिश की वजह से असुविधा का सामना करना पड़ा। यातायात कुछ समय के लिए धीमा हो गया, खासकर उन मार्गों पर जहाँ रावण दहन और दशहरा मेला आयोजित था।
आयोजकों की प्रतिक्रिया
कुछ आयोजकों ने कहा कि पुतले भीगने से कार्यक्रम का आयोजन प्रभावित हुआ, लेकिन सुरक्षा और सावधानी के कारण इसे नियंत्रित तरीके से अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि मौसम के अनुसार कार्यक्रम में थोड़े बदलाव और सुरक्षा उपाय किए गए।
मौसम का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी और NCR में आज और कल भी बादलों और बौछारों की संभावना बनी हुई है। इसके मद्देनजर आयोजकों और जनता को सलाह दी गई है कि वे बारिश के दौरान सुरक्षा और सावधानी बरतें।
निष्कर्ष
दशहरा का पर्व हमेशा ही उत्साह और आनंद से भरा होता है, लेकिन आज की बारिश ने राजधानी दिल्ली और NCR में उत्सव को थोड़ा प्रभावित किया। रावण दहन और मेले में हिस्सा लेने वाले लोगों ने बारिश के बावजूद जोश और श्रद्धा के साथ कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राकृतिक आपदाओं के बीच भी उत्सव की भावना को बनाए रखना और सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक है। आयोजक और नागरिक दोनों ने मिलकर दशहरे के पर्व को सुरक्षित और आनंदमय बनाने का प्रयास किया।

