निजी अस्पतालों की मनमानी पर स्वास्थ्य विभाग सख्त, 52 अस्पतालों और लैब के लाइसेंस निलंबित
शहर के निजी अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब में मरीजों की जान से हो रहे खिलवाड़ पर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में हुई जांच में अस्पताल संचालकों की भारी अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसके बाद 52 अस्पतालों और लैब के लाइसेंस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:
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कई अस्पतालों ने आईसीयू और वार्ड में अनुमोदित संख्या से डेढ़ गुना अधिक बेड लगा लिए थे।
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पैथोलॉजी लैबों में पैनल में शामिल डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं मिले।
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आईसीयू में जरूरी जीवनरक्षक उपकरण या तो नहीं थे या फिर खराब हालत में पाए गए।
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उपकरणों और दवाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल उठे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई:
जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने 52 अस्पतालों और लैब के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं और संबंधित संचालकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि मरीजों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
"यह सीधा-सीधा मरीजों की जान से खिलवाड़ है। किसी भी अस्पताल को मानकों से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जाएगी।"
इस कार्रवाई से निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया है। वहीं, आमजन ने स्वास्थ्य विभाग की इस सख्ती का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
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