गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन पर फिर धन खपाने का खेल, दूसरी बार बदली जा रही सड़क की सूरत

गोरखपुर से लखनऊ को जोड़ने वाला 252 किमी लंबा फोरलेन सड़क मार्ग एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार खस्ताहाल निर्माण और धन के दुरुपयोग को लेकर। महज दो साल में गोरखपुर से अयोध्या तक के 110 किलोमीटर लंबे फोरलेन की हालत फिर से जर्जर हो गई है। सड़क जगह-जगह ऊबड़-खाबड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।
अब इस सड़क को दोबारा ठीक करने का काम दिल्ली की एक कंपनी को 139 करोड़ रुपये में सौंपा गया है। नए अनुबंध के तहत कंपनी को एक साल की अवधि में यह कार्य पूर्ण करना होगा।
दो साल में दूसरी मरम्मत, सवाल खड़े
इस फोरलेन का हाल पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद नहीं सुधर पाया है। दो साल पहले भी इस मार्ग का मरम्मत कार्य कराया गया था, लेकिन वह गुणवत्ता के लिहाज से स्थायी साबित नहीं हो सका।
स्थानीय लोग बोले—जवाबदेही तय हो
स्थानीय नागरिकों और यात्रियों ने सवाल उठाए हैं कि बार-बार मरम्मत के नाम पर सरकारी धन क्यों बहाया जा रहा है? आखिर जिम्मेदार एजेंसियों की जवाबदेही कब तय होगी?
क्या बोले अधिकारी?
इस बार ठेका मिलने वाली कंपनी को कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। सड़क निर्माण के बाद डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड भी तय किया गया है ताकि खराबी की स्थिति में जवाबदेही तय हो सके।