गीताप्रेस प्रतिनिधि मंडल करेगा राष्ट्रपति से मुलाकात, ओड़िया भाषा की विशेष पुस्तकें करेंगे भेंट

अपने गोरखपुर प्रवास के दूसरे दिन मंगलवार को सुबह 9:30 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से गीताप्रेस का एक विशेष प्रतिनिधि मंडल सर्किट हाउस में भेंट करेगा। इस मुलाकात को लेकर जिला प्रशासन ने समय तय कर दिया है और सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस अवसर पर गीताप्रेस प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति को ओड़िया भाषा में प्रकाशित तीन विशिष्ट धार्मिक पुस्तकें भेंट करेगा। इनमें शामिल हैं:
-
गीता साधक संजीवनी
-
भक्त चरितामृत
-
माचिस आकार गीता
इन पुस्तकों के अलावा प्रतिनिधि मंडल 'कल्याण' पत्रिका का विशेषांक (पर्यावरण अंक) भी राष्ट्रपति को भेंट करेगा। यह भेंट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सम्मान स्वरूप प्रदान की जाएगी, जो स्वयं ओड़िया भाषी समुदाय से आती हैं और भारतीय संस्कृति एवं साहित्य में गहरी रुचि रखती हैं।
प्रतिनिधि मंडल में होंगे 7 सदस्य
गीताप्रेस के इस प्रतिनिधि मंडल में कुल 7 सदस्य शामिल होंगे, जिनमें प्रबंधन से जुड़े प्रमुख पदाधिकारी, प्रकाशन विभाग के सदस्य और कुछ वरिष्ठ साहित्यकार होंगे। सभी सदस्य पारंपरिक परिधान में राष्ट्रपति से मिलेंगे और गीताप्रेस के योगदान तथा भावी योजनाओं की जानकारी भी देंगे।
गीताप्रेस की ऐतिहासिक भूमिका
गौरतलब है कि गीताप्रेस गोरखपुर, भारतीय धार्मिक साहित्य के प्रचार-प्रसार में एक सदी से भी अधिक समय से कार्यरत है। यहां भगवद्गीता, रामचरितमानस, उपनिषद, पुराण व अन्य धार्मिक ग्रंथ सस्ती दरों पर 20 से अधिक भाषाओं में छपते हैं और देश-विदेश तक पहुंचते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से यह शिष्टाचार भेंट इस संस्था की गरिमा को और बढ़ाएगी और इसके सांस्कृतिक योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मान्यता दिलाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
प्रशासन ने प्रतिनिधि मंडल की सुरक्षा, समयबद्धता और गरिमा को ध्यान में रखते हुए बैठक की रूपरेखा तय कर दी है। सभी सदस्यों को पहचान पत्र और पास जारी कर दिए गए हैं।
इस मुलाकात को गोरखपुर के सांस्कृतिक परिदृश्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखा जा रहा है, जो इस पवित्र नगरी की धार्मिक विरासत को राष्ट्रपति स्तर पर सम्मानित होने का अवसर प्रदान करेगा।