मंगलवार को एक पिकअप वाहन उस समय हादसे का शिकार हो गया जब वह गूगल मैप के सहारे रास्ता तलाशते हुए दुल्लहपुर बाजार के पास स्थित एक बंद रेलवे फाटक से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि पिकअप का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में चालक समेत दो लोग घायल हो गए, हालांकि उनकी चोटें मामूली बताई जा रही हैं। दुर्घटना में वाहन में लदी लगभग दो लाख रुपये मूल्य की सब्जियां भी बर्बाद हो गईं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिकअप चालक सब्जियों की बड़ी खेप लेकर गाजीपुर जा रहा था। मार्ग की सही जानकारी न होने के कारण उसने गूगल मैप का सहारा लिया। मैप के निर्देशानुसार वाहन दुल्लहपुर बाजार की ओर बढ़ा, लेकिन चालक यह नहीं जान पाया कि आगे रेलवे फाटक बंद है। कम दृश्यता और गूगल मैप की गलत दिशा-निर्देशों के चलते वाहन सीधे फाटक से जा टकराया।
टक्कर के बाद आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत मदद पहुंचाई और घायलों को फौरन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को छुट्टी दे दी गई। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से यह मांग की है कि रेलवे फाटकों के पास स्पष्ट संकेत और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
इस हादसे में आर्थिक नुकसान भी काफी हुआ है। पिकअप में लदी हरी सब्जियां पूरी तरह नष्ट हो गईं, जिनकी अनुमानित कीमत करीब दो लाख रुपये बताई जा रही है। यह सब्जियां गाजीपुर की मंडी में बिक्री के लिए भेजी जा रही थीं।
स्थानीय पुलिस का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही घटनास्थल पर टीम भेजी गई थी। वाहन को क्रेन की मदद से हटाया गया और यातायात को सामान्य किया गया। वहीं, फाटक पर कोई रेलवे कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे यह साफ नहीं हो पाया कि किसी प्रकार की चेतावनी या सिग्नलिंग की व्यवस्था वहां थी या नहीं।
यह घटना एक बार फिर डिजिटल नेविगेशन पर अत्यधिक निर्भरता के जोखिमों को उजागर करती है। गूगल मैप जैसे टूल्स भले ही आधुनिक यात्रा में मददगार साबित होते हों, लेकिन ग्रामीण और कम सुसज्जित इलाकों में इनकी सटीकता कई बार संदिग्ध हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल मैप के साथ-साथ स्थानीय जानकारी की भी पुष्टि करना जरूरी होता है, खासकर जब यात्रा अनजान मार्गों से की जा रही हो।

