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गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़, चार देशों की 'एंबेसी' चला रहा था आरोपी, STF ने की बड़ी कार्रवाई

गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़, चार देशों की 'एंबेसी' चला रहा था आरोपी, STF ने की बड़ी कार्रवाई

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में मंगलवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने कविनगर इलाके में चल रहे एक फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया है, जहां आरोपी न सिर्फ एक बल्कि चार अलग-अलग देशों की एंबेसी चला रहा था। इस अवैध गतिविधि के तहत आरोपी ने खुद को डिप्लोमैटिक अधिकारी दिखाने के लिए कई फर्जी दस्तावेज, डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियां, और यहां तक कि फर्जी पासपोर्ट भी तैयार कर रखे थे।

STF की छापेमारी में बड़ा खुलासा

STF की टीम ने गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में एक मकान पर छापा मारा, जहां एक कथित दूतावास की तर्ज पर पूरा सेटअप तैयार किया गया था। इस घर के बाहर चार लग्जरी गाड़ियां खड़ी थीं, जिन पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी हुई थी। जांच में पता चला कि इन नंबर प्लेट्स का कोई वैध रिकॉर्ड विदेश मंत्रालय के पास नहीं है।

छापेमारी के दौरान STF को मौके से 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, कई फर्जी वीजा स्टैम्प, विदेश मंत्रालय की नकली मुहरें, और अंतरराष्ट्रीय दूतावासों के लेटरहेड भी बरामद हुए। इसके अलावा, आरोपी ने जिस मकान को दूतावास के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, उसमें विदेशी झंडे भी लगाए गए थे ताकि आम लोगों को भ्रमित किया जा सके।

आरोपी की पहचान और मंशा

STF अधिकारियों के अनुसार, आरोपी खुद को चार देशों – जिनके नाम अभी गोपनीय रखे गए हैं – का राजनयिक (Diplomat) बताकर न केवल रुतबा झाड़ता था, बल्कि कई लोगों से नौकरी, वीजा और विदेश भेजने के नाम पर मोटी रकम भी ऐंठता था। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने विदेश मंत्रालय की वेबसाइट और दस्तावेजों की हूबहू नकल कर फर्जी कागजात तैयार किए थे।

स्थानीय लोगों को था शक

कविनगर क्षेत्र के कुछ स्थानीय निवासियों ने पुलिस को इस घर की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में पहले ही सूचना दी थी। लोगों ने बताया कि अक्सर यहां लग्जरी गाड़ियों का आना-जाना होता था और कुछ अजनबी लोग "विदेशी राजनयिक" के रूप में घूमते थे, लेकिन उन्होंने कभी किसी दूतावास का नाम बोर्ड पर नहीं देखा। इन्हीं सूचनाओं के आधार पर STF ने यह कार्रवाई की।

आगे की कार्रवाई

STF ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और अब उससे विदेशी संपर्कों, बैंक खातों और पिछले रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि यह कोई अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े से जुड़ा मामला हो सकता है और इसमें फॉरेन नेटवर्क की भी भूमिका हो सकती है।

STF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यह बहुत संगठित और योजनाबद्ध अपराध है। आरोपी ने इतने भरोसेमंद तरीके से सिस्टम तैयार किया था कि पहली नजर में किसी को शक न हो। मामले की गहराई से जांच की जा रही है।"

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