गाजियाबाद नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर बड़ा आरोप, पार्षद के पति ने किया खुलासा
शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम बड़े-बड़े दावे करता रहता है, लेकिन वॉर्ड-18 की पार्षद शशि सिंह के पति डॉ. पवन गौतम ने नगर निगम पर बड़ा आरोप लगाया है। डॉ. गौतम का कहना है कि डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाले अधिकांश वाहनों में हेल्पर मौजूद नहीं होते, जबकि निगम की ओर से हेल्परों की सुविधा के नाम पर फंड जारी किया जाता है।
डॉ. पवन गौतम ने इस मामले की पोल खोलते हुए बताया कि उन्होंने स्वयं अपने वॉर्ड में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों के साथ जाकर निरीक्षण किया और खुद हेल्पर बनकर कूड़ा उठाया। इससे पता चला कि निगम द्वारा हेल्पर के नाम पर पैसे की हेराफेरी की जा रही है और असल में कूड़ा उठाने वाले वाहनों में हेल्पर की संख्या कम है या बिल्कुल नहीं है।
उन्होंने कहा, "नगर निगम ने हेल्पर के लिए जो फंड रखा है, वह कहीं और खर्च हो रहा है। सफाई व्यवस्था के लिए जो वादे किए गए हैं, वे केवल कागजों तक सीमित हैं। जनता की साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब है, खासकर डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने में काफी लापरवाही हो रही है।"
डॉ. गौतम ने आगे कहा कि इस मुद्दे को लेकर उन्होंने पार्षद शशि सिंह के माध्यम से नगर निगम प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्र की सफाई व्यवस्था पर नजर रखें और दोषियों की पहचान कर रिपोर्ट करें।
नगर निगम की सफाई व्यवस्था पर यह आरोप एक बार फिर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। आम जनता में सफाई के नाम पर हो रहे इस प्रकार के घपलों को लेकर निराशा व्याप्त है।
इस मामले पर जब नगर निगम के अधिकारी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि वे आरोपों की जांच करेंगे और यदि कहीं अनियमितता पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि निगम की प्राथमिकता हमेशा शहर की सफाई और स्वस्थ वातावरण बनाए रखना है।
गाजियाबाद नगर निगम की इस सफाई व्यवस्था को लेकर जनता की नाराजगी बढ़ती जा रही है और ऐसे आरोपों से निगम की साख पर भी प्रभाव पड़ रहा है। उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन इस मामले की गंभीरता को समझे और जल्द से जल्द समस्या का समाधान निकाले।

