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प्रयागराज में गंगा-यमुना का बढ़ता कहर, बस्तियों तक पहुंचा पानी, लोग कर रहे पलायन

प्रयागराज में गंगा-यमुना का बढ़ता कहर, बस्तियों तक पहुंचा पानी, लोग कर रहे पलायन

संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां उफान पर हैं। लगातार जलस्तर में वृद्धि के चलते अब हालात चिंताजनक हो गए हैं। पहले कछारी इलाकों में पानी फैला और अब वह रिहायशी बस्तियों की ओर बढ़ता जा रहा है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।

कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका है, जिससे लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। खासतौर पर गंगानदी के किनारे बसे झोपड़पट्टियों और घाट के पास रहने वाले परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है और बाढ़ चौकियों को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। नगर निगम, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में नजर बनाए हुए हैं। संभावित खतरे को देखते हुए नावों की व्यवस्था की जा रही है, ताकि आपात स्थिति में राहत और बचाव कार्य सुचारू रूप से किया जा सके।

बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, अगर अगले 24 घंटों में जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो गंगा और यमुना दोनों ही नदियां खतरे के निशान को पार कर सकती हैं। आसपास के जिलों से भी अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की संभावना है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।

स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में लाउडस्पीकरों के माध्यम से लोगों को सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट होने की सलाह दी है। कई स्कूलों को राहत शिविरों में बदला जा रहा है और सरकारी भवनों को अस्थायी शरणस्थलों के तौर पर तैयार किया जा रहा है।

बाढ़ की आशंका को देखते हुए शहर के कई इलाकों में बिजली सप्लाई ऐहतियातन काट दी गई है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि जलजनित बीमारियों की रोकथाम की जा सके।

नदी के किनारे रहने वाले लोगों के चेहरों पर चिंता साफ देखी जा सकती है। बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कवायद तेजी से की जा रही है। प्रशासन ने सभी प्रभावितों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।

फिलहाल पूरा जिला प्रशासन सतर्क है और हालात पर नजर बनाए हुए है। जरूरत पड़ी तो सेना की मदद लेने से भी प्रशासन पीछे नहीं हटेगा। उधर, मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे संकट और गहराने की आशंका है।

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