मिनी पावर हाउस से 6 जर्मन शेफर्ड तक छांगुर बाबा की कोठी में मिली एक से बढ़कर एक विदेशी चीजें, योगी बोले- जल्लाद को चकनाचूर...
यूपी में धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की कोठी पर दूसरे दिन भी बुलडोजर चला। प्रशासन को कोठी के अंदर एक मिनी पावर हाउस मिला है। बाथरूम में विदेशी ब्रांड का सामान भी मिला है। इसके अलावा कोठी के अंदर एक घोड़ा भी बंधा मिला।तहसीलदार राजेंद्र बहादुर ने बताया- मंगलवार और बुधवार को दो दिन चली कार्रवाई में 1500 वर्ग फीट में बने अवैध निर्माण को ध्वस्त किया गया है। प्रशासन ने 2041 वर्ग फीट में बने निर्माण को अवैध घोषित किया था। 500 वर्ग फीट में अवैध निर्माण को ध्वस्त करना बाकी है, जिसे गुरुवार को ध्वस्त किया जाएगा।
छांगुर बाबा ने 6 जर्मन शेफर्ड कुत्ते भी पाल रखे थे, जिन्हें ग्रामीण ले गए। हालांकि, जब पुलिस ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी, तो ग्रामीणों ने कुत्तों को वापस सौंप दिया। बलरामपुर के उतरौला में प्रशासन की टीम बुधवार सुबह 10 बजे बुलडोजर लेकर कोठी पर पहुँची। उन्होंने कोठी में उस जगह को ध्वस्त करना शुरू कर दिया, जहाँ लाल निशान लगा था।सीएम योगी ने आजमगढ़ में कहा- हमने बलरामपुर में एक जल्लाद को गिरफ्तार किया है। आपने देखा होगा कि वह हिंदू बहन-बेटियों की इज्जत से कैसे खेलता था। पैसों का सौदा करता था, लेकिन हम ऐसे देशद्रोही तत्वों को कुचल देंगे। वहीं, लखनऊ में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा- छांगुर बाबा जैसे लोग कलंक हैं। हश्र इससे भी बुरा होगा।
करीब 3 करोड़ की लागत से 3 बीघे में बनी इस हवेली में 70 से ज़्यादा कमरे और हॉल हैं। प्रशासन ने 40 कमरों वाले हिस्से को अवैध घोषित कर दिया है। एटीएस का दावा- छांगुर बाबा यहीं से धर्मांतरण का नेटवर्क चलाता था। हालाँकि, यह हवेली उसकी महिला मित्र नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर है। बाबा ने खुद नीतू का धर्मांतरण कराया और उसका नाम नसरीन रखा।शनिवार, 5 जुलाई को एटीएस ने 50,000 रुपये के इनामी छांगुर बाबा को नीतू उर्फ नसरीन के साथ लखनऊ से गिरफ्तार किया। एटीएस ने नवंबर 2024 में दोनों के खिलाफ लखनऊ में मामला दर्ज किया था।
उतरौला-मनकापुर मुख्य मार्ग पर तीन बीघा ज़मीन पर बनी किलेनुमा हवेली, छांगुर बाबा की कोठी है। इसमें 10 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। कोठी के चारों ओर चारदीवारी पर तार बिछाए गए थे। रात में उसमें करंट प्रवाहित किया जाता था ताकि कोई भी कहीं से अंदर न आ सके। मुख्य द्वार से कोठी तक जाने के लिए 500 मीटर का निजी रास्ता बनाया गया है।उतरौला के तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति ने बताया कि अवैध निर्माण हटाने के लिए 17 मई, 17 जून और 7 जुलाई को नोटिस दिए गए थे। लेकिन छांगुर बाबा और नसरीन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। इसलिए प्रशासन ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का फैसला किया।

