दोस्तों ने आपसी विवाद में नाबालिग को बनाया बंधक, अमानवीयता की हदें पार, वीडियो बनाकर दी धमकी

राजधानी में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। आपसी विवाद के चलते 17 वर्षीय एक नाबालिग किशोर को उसके ही दोस्तों ने अगवा कर कमरे में बंधक बना लिया और उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया। आरोपितों ने न सिर्फ उसे बेरहमी से पीटा, बल्कि चप्पल में थूककर उसे चटवाया और जबरन पेशाब भी पिलाई। इस पूरी हैवानियत का वीडियो भी बनाया गया, जिसे प्रचलित करने की धमकी देकर आरोपित पीड़ित पर मुंह बंद रखने का दबाव बनाते रहे।
घटना से जुड़ी जानकारी के अनुसार, पीड़ित किशोर और आरोपित आपस में पुराने दोस्त हैं, लेकिन हाल ही में उनके बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसी रंजिश के चलते आरोपितों ने उसे बहाने से बुलाया और फिर एक सुनसान जगह पर ले जाकर कमरे में बंद कर दिया। वहां नाबालिग के साथ न सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि उसे अपमानित करने के लिए उस पर थूक चटवाया गया और पेशाब पिलाने जैसी घिनौनी हरकत की गई।
बताया जा रहा है कि आरोपितों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया और धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा। डरे और सहमे पीड़ित ने कुछ दिनों तक चुप्पी साधे रखी, लेकिन अंततः परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी। परिजनों ने तत्काल पुलिस से संपर्क कर मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है। एसपी स्तर के अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की है, जो आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस घटना में शामिल सभी आरोपी नाबालिग नहीं हैं, कुछ बालिग भी हो सकते हैं। इसलिए बालिगों पर कठोर धाराओं में मुकदमा चलाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, पीड़ित का मेडिकल परीक्षण कराकर उसका काउंसलिंग भी कराया जा रहा है, ताकि उसे मानसिक रूप से राहत मिल सके।
यह मामला एक बार फिर यह दिखाता है कि किशोरों में बढ़ती हिंसा और सोशल मीडिया के दुरुपयोग ने समाज में किस हद तक जड़ें जमा ली हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं कानून व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता की भी बड़ी परीक्षा हैं।
पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी, ताकि समाज में ऐसा संदेश जाए कि इस तरह की हैवानियत किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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