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लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन पर अब नहीं मिलेगी फ्री व्हीलचेयर सुविधा, यात्रियों को देने होंगे शुल्क

लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन पर अब नहीं मिलेगी फ्री व्हीलचेयर सुविधा, यात्रियों को देने होंगे शुल्क

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रमुख रेलवे स्टेशन चारबाग से सफर करने वाले यात्रियों को अब एक अहम सुविधा के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी। पहले तक यात्रियों को निःशुल्क मिलने वाली व्हीलचेयर सुविधा अब सशुल्क कर दी गई है। चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को अब व्हीलचेयर के लिए 50 रुपये प्रति व्हीलचेयर और 500 रुपये सिक्योरिटी मनी के तौर पर जमा करनी होगी।

रेलवे प्रशासन ने इस नई व्यवस्था को हाल ही में स्टेशन पर खोले गए जनसुविधा केंद्र के माध्यम से लागू किया है। यदि कोई यात्री व्हीलचेयर के साथ अटेंडेंट की सेवा भी चाहता है, तो इसके लिए अतिरिक्त 150 रुपये का शुल्क देना होगा। यानी कुल मिलाकर अगर कोई यात्री अटेंडेंट सहित व्हीलचेयर सेवा लेना चाहता है, तो उसे 700 रुपये (500 सिक्योरिटी + 50 किराया + 150 अटेंडेंट शुल्क) चुकाने होंगे। हालांकि सिक्योरिटी राशि सेवा वापसी पर लौटा दी जाएगी।

लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाले चारबाग रेलवे स्टेशन पर यह बदलाव वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग यात्रियों और असहाय लोगों के लिए एक झटका माना जा रहा है। पहले यह सुविधा पूरी तरह से मुफ्त थी और जरूरतमंद यात्रियों को आसानी से उपलब्ध कराई जाती थी।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस सेवा को व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए जनसुविधा केंद्र के माध्यम से इसे संचालित किया जा रहा है। शुल्क लेने के पीछे तर्क यह दिया गया है कि इससे व्हीलचेयर का दुरुपयोग रोका जा सकेगा और सेवाएं और अधिक कुशलता से उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

हालांकि इस फैसले को लेकर यात्रियों में नाराजगी देखी जा रही है। कई यात्रियों का कहना है कि रेलवे की यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए थी जो चलने-फिरने में असमर्थ हैं, और उनसे पैसे लेना उचित नहीं है। यात्रियों ने इसे "जनविरोधी कदम" बताते हुए इसे जल्द वापस लेने की मांग की है।

वहीं, रेलवे की ओर से कहा गया है कि शुल्क मामूली है और इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए रसीद की सुविधा भी दी जा रही है। साथ ही व्हीलचेयर की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उनकी स्थिति बेहतर बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है।

फिलहाल यह व्यवस्था केवल चारबाग स्टेशन पर लागू की गई है, लेकिन यदि यह सफल रही तो लखनऊ मंडल के अन्य स्टेशनों पर भी इसे लागू किया जा सकता है। अब यह देखना होगा कि रेलवे यात्रियों की प्रतिक्रिया के बाद अपने इस निर्णय में कोई बदलाव करता है या नहीं।

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