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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 81वीं जयंती: अमेठी के दिल में आज भी बसता उनका नाम

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 81वीं जयंती: अमेठी के दिल में आज भी बसता उनका नाम

आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 81वीं जयंती है। 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी का अमेठी से गहरा और अटूट संबंध रहा। अमेठी के लोग उन्हें केवल एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि अपने दिल के बेहद करीब मानते थे। उनके नाम की याद आते ही यहां के लोगों की आंखें आज भी नम हो जाती हैं।

राजीव गांधी ने देश की सेवा में अपने जीवन को समर्पित किया, लेकिन उनके दिल में हमेशा अमेठी का बसेरा रहा। प्रधानमंत्री रहते हुए भी उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी को विकास की प्रयोगशाला बनाया। उन्होंने न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत किया, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में भी कई पहल कीं।

युवाओं के साथ-साथ बड़े-बूढ़े और बच्चे भी राजीव गांधी के दीवाने थे। उनकी सरलता, खुले दिल और लोगों के प्रति गहरी संवेदनशीलता ने उन्हें जनप्रिय बनाया। अमेठी में उनकी जयंती पर हर साल श्रद्धांजलि समारोह और स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें स्थानीय लोग, पार्टी कार्यकर्ता और देशभर से आए लोग शामिल होते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि राजीव गांधी का नेतृत्व शैली और दूरदर्शिता आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने तकनीकी शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। साथ ही, उनके राजनीतिक निर्णयों में जनता की भलाई हमेशा सर्वोपरि रही।

अमेठी के लोगों का मानना है कि राजीव गांधी केवल एक राजनीतिक नेता नहीं थे, बल्कि उनके व्यक्तित्व में गर्मजोशी और संवेदनशीलता थी, जिसने हर वर्ग के लोगों के दिलों को छू लिया। चाहे वह गांव का किसान हो, युवा छात्र हो या कोई बुजुर्ग नागरिक, सभी उनके साथ जुड़ाव महसूस करते थे।

आज उनकी जयंती पर अमेठी में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। स्थानीय प्रशासन और पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए समाज में उनके आदर्शों को जीवित रखने का संकल्प लिया है। लोग उनके व्यक्तित्व, विचारों और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

संक्षेप में कहा जाए तो, आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 81वीं जयंती है। 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी का अमेठी से अटूट जुड़ाव रहा और उनका दिल हमेशा इसी क्षेत्र में बसा रहा। प्रधानमंत्री रहते हुए भी उन्होंने अमेठी को विकास की प्रयोगशाला बनाया और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने। उनके व्यक्तित्व और योगदान को अमेठी और पूरे देश में आज भी याद किया जा रहा है।

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