पूर्व भाजपा नेता सूर्यकांत मौर्य और भाई पर दोतरफा शिकंजा, करोड़ों की ठगी के मामले में गैंगस्टर एक्ट लगेगा
करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में घिरे पूर्व भाजपा नेता सूर्यकांत मौर्य और उसके भाई शशिकांत मौर्य पर अब कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। निवेशकों को चकमा देकर भारी भरकम रकम हड़पने के आरोप में दोनों भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी है, साथ ही बरेली पुलिस उनकी हिस्ट्रीशीट खोलने की प्रक्रिया में जुट गई है।
अमर ज्योति यूनिवर्स निधि लिमिटेड के जरिए ठगी
बताया जा रहा है कि बदायूं में "अमर ज्योति यूनिवर्स निधि लिमिटेड" नामक एक ऑफिस खोलकर दोनों भाइयों ने स्थानीय लोगों को निवेश के नाम पर लुभावने रिटर्न का झांसा दिया। शुरुआत में कुछ लाभ देकर लोगों का भरोसा जीता गया, लेकिन जब निवेशकों की संख्या और रकम बढ़ गई, तो दफ्तर बंद कर दोनों आरोपी फरार हो गए। मामले के खुलासे के बाद सैकड़ों निवेशकों ने ठगी की शिकायतें दर्ज कराईं।
बरेली में दर्ज हुई पहली रिपोर्ट
इस मामले की पहली एफआईआर बरेली के बारादरी थाने में दर्ज की गई है, जहां नगर निगम में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में महिला ने बताया कि कंपनी के झूठे वादों के जाल में फंसकर उसने लाखों रुपये निवेश किए, लेकिन जब पैसे लौटाने की बारी आई, तो आरोपी गायब हो गए।
डीआईजी ने दी कड़ी कार्रवाई की जानकारी
डीआईजी बरेली रेंज के अनुसार, सूर्यकांत और शशिकांत पर बरेली और बदायूं दोनों जगहों से शिकंजा कसा जा रहा है। बरेली पुलिस इनकी हिस्ट्रीशीट खोलने जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। वहीं, बदायूं पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए दोनों की संपत्तियां जब्त करने की तैयारी में है।
घोषित किया गया इनामी अभियुक्त
उत्तर प्रदेश पुलिस ने दोनों भाइयों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनकी तलाश में कई टीमें गठित की गई हैं।
निवेशकों में आक्रोश
इस ठगी कांड के उजागर होने के बाद से निवेशकों में भारी आक्रोश है। कई पीड़ितों ने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उनकी जब्त की गई संपत्तियों से निवेश की गई राशि लौटाई जाए।

