पश्चिमी सिंहभूम में पहली बार असंवैधानिक कार्यों पर ग्रामीण मुंडा को बर्खास्त किया गया
पश्चिमी सिंहभूम जिले में पहली बार असंवैधानिक कार्यों के आरोप में एक ग्रामीण मुंडा को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया है। यह कार्रवाई उपायुक्त चंदन कुमार द्वारा चिरुबेड़ा मौजा के ग्रामीण मुंडा बागुन जामुदा के खिलाफ की गई है।
घटना की पृष्ठभूमि
-
बागुन जामुदा पर आरोप था कि उन्होंने संविधान और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
-
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मुंडा ने संविधान के दायरे में रहकर कार्य नहीं किया और असंवैधानिक तरीके से गांव के मामलों में हस्तक्षेप किया।
उपायुक्त का आदेश
-
उपायुक्त चंदन कुमार ने इस दंडात्मक कार्रवाई के तहत बागुन जामुदा को पद से बर्खास्त करने का आदेश दिया।
-
इस आदेश के बाद अब बागुन जामुदा को ग्रामीण मुंडा के रूप में उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों से वंचित कर दिया गया है।
प्रशासनिक बयान
-
उपायुक्त चंदन कुमार ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी जनप्रतिनिधि और स्थानीय अधिकारी संविधान और राज्य के कानूनी दायरे में रहते हुए कार्य करें। ऐसे असंवैधानिक कृत्य कतई सहन नहीं किए जाएंगे।”
ग्रामीणों के प्रतिक्रिया
-
कुछ ग्रामीणों ने इस कदम का स्वागत किया है, जबकि कुछ ने अत्यधिक सख्त निर्णय की आलोचना भी की है।
-
चिरुबेड़ा मौजा में ग्रामीण मुंडा का पद समाज में सम्मानजनक माना जाता है, और यह पहला अवसर है जब इस पद पर किसी को बर्खास्त किया गया है।
भविष्य की दिशा
-
इस निर्णय से प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी गांव के मुखिया या अधिकारी को अपने पद का दुरुपयोग करने का कोई अधिकार नहीं है।
-
आगे चलकर, ऐसे मामलों में सख्त अनुशासन और कानूनी निगरानी रखने की योजना बनाई जाएगी, ताकि कोई भी जनप्रतिनिधि असंवैधानिक गतिविधियों में संलिप्त न हो।

