यमुना में कूदे चूड़ी श्रमिक की पांच दिन बाद दांतों से हुई पहचान, शव बन चुका था कंकाल
फिरोजाबाद में, परिवार को बिना बताए यमुना में कूदे चूड़ी कारीगर की पहचान उसके भाई ने पाँच दिन बाद उसके दांतों से की। उसने पाँच दिन पहले अपनी साइकिल और चप्पलें यमुना किनारे छोड़कर यमुना में छलांग लगा दी थी। आगरा पीएसी के गोताखोर चार दिनों से लगातार उसकी तलाश कर रहे थे। युवक का शव कंकाल का रूप ले चुका था। जिससे उसकी पहचान में समय लगा।
थाना दक्षिण के मोहल्ला मालवीय नगर निवासी दीपक (22) पाँच दिन पहले बिना किसी को बताए अपनी साइकिल लेकर घर से निकल गया था। काफी तलाश के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लग सका। परिवार द्वारा देखे गए सीसीटीवी कैमरों में वह यमुना की ओर जाता हुआ दिखाई दिया। इसके बाद बसई मोहम्मदपुर पुलिस और पीएसी के गोताखोरों ने चार दिनों तक यमुना में लगातार उसकी तलाश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
इसी बीच, पुलिस को मालीपट्टी की ओर कंकाल के रूप में एक शव होने की सूचना मिली। शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया। कंकाल दीपक का था या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। मंगलवार देर शाम दीपक के बड़े भाई प्रदीप को मुर्दाघर बुलाया गया। जहाँ उसने उसके कपड़ों और दांतों से उसकी पहचान की। उसके भाई के दांत एक के ऊपर एक थे। जबकि कंकाल जैसे शरीर के दांत भी उसी तरह थे।
भाई प्रदीप ने बताया कि दीपक चूड़ी गोदाम में काम करता था। उसे कोई परेशानी नहीं थी। करीब एक साल पहले उसकी शादी हुई थी। शादी के दस दिन बाद ही उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। एसएचओ ने बताया कि पुलिस को जो कंकाल मिला है, वह घटना के तीसरे दिन मिला था। लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। मृतक के भाई ने उसकी पहचान की है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया है। इस मामले में कोई शिकायत पत्र नहीं मिला है।

