लखनऊ में दो मदरसों के संचालक पर दर्ज हुई एफआईआर, उन्नाव से ली गई थी छात्रवृत्ति

राजधानी लखनऊ में छात्रवृत्ति घोटाले का एक बड़ा मामला सामने आया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोनू कुमार ने दुबग्गा थाने में दो मदरसों के संचालक रिजवानुल हक के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि संचालक ने नियमों को दरकिनार करते हुए लखनऊ में निरस्त किए गए छात्रवृत्ति आवेदन को उन्नाव ज़िले से दोबारा प्रस्तुत कर लाभ ले लिया।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक, रिजवानुल हक द्वारा संचालित दो मदरसों की ओर से लखनऊ के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया गया था। विभाग ने नियमित प्रक्रिया के तहत इन मदरसों की पात्रता की जांच कराई, जिसमें पाया गया कि ये मदरसे छात्रवृत्ति की पात्रता नहीं रखते। इसके बाद विभाग ने दोनों आवेदन निरस्त कर दिए।
लेकिन मामले ने तब गंभीर मोड़ लिया जब पता चला कि रिजवानुल हक ने लखनऊ से निरस्त होने के बाद उसी छात्रवृत्ति योजना के लिए उन्नाव ज़िले से आवेदन किया, और वहां फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत कर छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली। इस कृत्य को गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराई है।
जांच में हुआ खुलासा
सूत्रों के अनुसार, विभाग को जब उन्नाव में भी उसी मदरसे से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी मिली, तो दस्तावेजों की तुलना और जांच की गई। इसमें स्थान, संस्थान, छात्रों की सूची और अभिभावकों की जानकारी में भिन्नता पाई गई। जांच के बाद स्पष्ट हो गया कि जानबूझकर फर्जीवाड़ा किया गया है।
धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज
दुबग्गा थाने की पुलिस ने इस मामले में धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज़ का प्रयोग) जैसी गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने दिए सख्त संकेत
विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस प्रकार की अनियमितताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी अन्य जिले में भी इस तरह की फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आती हैं, तो तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, विभाग अब छात्रवृत्ति आवेदनों की क्रॉस-जांच और वेरिफिकेशन प्रक्रिया को और मजबूत करने पर विचार कर रहा है।