डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मौलाना के खिलाफ FIR, सपा सांसद के मस्जिद में जाने पर बोली ऐसी बात, भड़क उठा गुस्सा
अखिल भारतीय इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ लखनऊ में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन पर समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डिंपल यादव के खिलाफ अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धार्मिक वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाया गया है। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब मौलाना साजिद रशीदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने मस्जिद में डिंपल यादव के पहनावे और व्यवहार को लेकर विवादित बयान दिया था।
क्या है मामला?
27 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में मौलाना साजिद रशीदी ने दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एक मस्जिद में सपा सांसद डिंपल यादव के पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वीडियो में मौलाना ने कथित तौर पर डिंपल यादव के लिए 'वह नग्न बैठी थीं' और 'वह आपत्तिजनक स्थिति में थीं' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसे समाजवादी पार्टी और उसके समर्थकों ने महिलाओं की गरिमा के खिलाफ और धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा देने वाला बताया था। इस बयान ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में विवाद खड़ा कर दिया था।
लखनऊ पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ विभूतिखंड थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 79, 196, 197, 292, 352, 353 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर लखनऊ निवासी प्रवेश यादव नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराई है। तहरीर में बताया गया है कि मौलाना की टिप्पणी से महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुँची है।
मौलाना पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
मौलाना साजिद रशीदी पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। 2022 में एक टीवी डिबेट में उन्होंने नुपुर शर्मा विवाद के दौरान भड़काऊ बयान दिया था, जिसके बाद एंकर द्वारा सबूत मांगने पर वह शो छोड़कर चले गए थे। 2023 में उन्होंने सोमनाथ मंदिर पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि महमूद गजनवी ने मंदिर में तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। 2024 में, गाजियाबाद में एक टीवी डिबेट में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने और कथित तौर पर आईएसआई से संबंध रखने के आरोप में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। इसके अलावा, उन्होंने ऋग्वेद का हवाला देते हुए दावा किया था कि हिंदू धर्म में भी घूंघट प्रथा है, जिसके लिए उनकी कड़ी आलोचना हुई थी।
भाजपा ने भी आलोचना की
इस घटना ने उत्तर प्रदेश में पहले से चल रहे धार्मिक और राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। भाजपा और कुछ मुस्लिम नेताओं ने पहले ही डिंपल यादव के मस्जिद जाने, उनके पहनावे और मस्जिद में सपा की कथित राजनीतिक बैठक को लेकर सवाल उठाए थे। भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने डिंपल के पहनावे को मस्जिद के नियमों के खिलाफ और इस्लामी भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताया था। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने भी इस दौरे की आलोचना की, जबकि मौलाना सूफियान ने इसका बचाव किया। मौलाना साजिद रशीदी के बयान ने इस विवाद को और जटिल बना दिया है। उनके बयान को न केवल डिंपल यादव के लिए अपमानजनक माना जा रहा है, बल्कि इसे धार्मिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
डिंपल ने भाजपा पर आरोप लगाया
मैनपुरी से सपा सांसद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने पहले ही भाजपा पर इस मामले में उनके मस्जिद दौरे को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि यह दौरा कोई राजनीतिक बैठक नहीं थी, बल्कि सपा सांसद और मस्जिद के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी के निमंत्रण पर था। डिंपल ने इसे भाजपा की साजिश करार देते हुए कहा कि यह जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश है।
हालांकि, मौलाना साजिद रशीदी के बयान पर सपा और अखिलेश यादव की ओर से तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई, जिसके चलते कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने सपा पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि अखिलेश यादव अपनी पत्नी के सम्मान पर चुप क्यों हैं। वहीं, सपा समर्थकों ने मौलाना साजिद को भाजपा का एजेंट करार देते हुए इस मामले को सपा के खिलाफ साजिश करार दिया।
पुलिस ने शुरू की जांच
लखनऊ पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ दर्ज एफआईआर में उनके वायरल वीडियो को सबूत के तौर पर शामिल किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने यह भी कहा कि सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए वे सोशल मीडिया पर इस मामले से जुड़े अन्य भड़काऊ बयानों पर भी नज़र रख रहे हैं।

