रजबपुर क्षेत्र में तेंदुए और चोरों का खौफ, खेतों और घरों से दूर हो रही चैन की नींद

जिले के रजबपुर क्षेत्र के ग्रामीण इन दिनों दोहरी दहशत में जी रहे हैं — एक ओर तेंदुए का खौफ, तो दूसरी ओर रात में सक्रिय चोरों का आतंक। इन दोनों कारणों से ग्रामीणों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो गई है। खेतों में जाने से लोग डर रहे हैं, और रातें जागकर गुजारने को मजबूर हो रहे हैं।
खेतों में तेंदुए की दहशत
रजबपुर क्षेत्र के कई गांवों में बीते कुछ दिनों से तेंदुए के देखे जाने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। कई ग्रामीणों ने तेंदुए को खेतों के पास घूमते हुए देखा है। पशुओं पर हमले की भी आशंका बनी हुई है। इस कारण किसान खेतों में जाने से कतरा रहे हैं, जिससे फसलों की देखभाल और अन्य कृषि कार्यों पर असर पड़ रहा है।
वन विभाग को कई बार सूचना दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक तेंदुए को पकड़ने के कोई ठोस प्रयास दिखाई नहीं दिए हैं।
रात में चोरों का आतंक
वहीं, गांवों में रात के समय चोरियों की घटनाएं बढ़ गई हैं। ग्रामीणों के अनुसार, चोर सilent तरीके से घरों के आसपास घूमते हैं और मौका मिलते ही सामान लेकर फरार हो जाते हैं। गांवों में रात में पहरेदारी करनी पड़ रही है, जिससे ग्रामीणों की नींद और सुरक्षा दोनों प्रभावित हो रही हैं।
कुछ लोगों ने बताया कि जब रात में कुत्ते भौंकते हैं या अजीब सी आवाजें आती हैं, तो सभी घरों के लोग बाहर निकलकर निगरानी करने लगते हैं। इस वजह से ग्रामीण पूरी रात चैन की नींद नहीं ले पा रहे हैं।
अंजान लोगों पर शक
इन हालातों के चलते गांव में आने वाले हर अजनबी पर शक की निगाह डाली जा रही है। ग्रामीण सतर्क हैं, लेकिन साथ ही यह सामाजिक माहौल को भी प्रभावित कर रहा है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को जल्द पकड़ने और पुलिस प्रशासन से रात में गश्त बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक तेंदुआ और चोर दोनों पर अंकुश नहीं लगता, तब तक गांवों में शांति लौटना मुश्किल है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चोरों पर नजर रखने के लिए पुलिस गश्त को सक्रिय किया जा रहा है और ग्रामीणों से सहयोग की अपील की गई है। वहीं, वन विभाग का दावा है कि तेंदुए की लोकेशन ट्रैक करने के प्रयास किए जा रहे हैं और पिंजरे लगाने की योजना पर भी काम चल रहा है।