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फतेहपुर सीकरी हादसा, ढाय में दबकर एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत, गांव में एक साथ जलीं चार चिताएं, हर आंख हुई नम

फतेहपुर सीकरी हादसा: ढाय में दबकर एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत, गांव में एक साथ जलीं चार चिताएं, हर आंख हुई नम

राजस्थान के भरतपुर जिले के गांव दौलतगढ़ निवासी एक ही परिवार के चार लोगों की दर्दनाक मौत ने पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया है। यह हादसा आगरा के फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में हुआ, जहां ढाय (कच्ची मिट्टी की दीवार) गिरने से परिवार के छह सदस्य मलबे में दब गए। इनमें से चार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हुए हैं।

हादसा कैसे हुआ?
जानकारी के अनुसार यह भीषण हादसा शुक्रवार देर रात उस वक्त हुआ जब पूरा परिवार घर के अंदर सो रहा था। अचानक कच्ची दीवार भरभरा कर गिर पड़ी, जिससे घर में सो रहे लोग मलबे में दब गए। आसपास के लोगों ने जब चीखपुकार सुनी तो मौके पर पहुंचे और तुरंत राहत कार्य शुरू किया। प्रशासन और पुलिस की मदद से मलबा हटाया गया लेकिन तब तक चार लोगों की सांसें थम चुकी थीं।

मृतकों में कौन-कौन शामिल?
हादसे में जान गंवाने वालों में परिवार की जेठानी, देवरानी, एक भतीजा और उसकी पत्नी शामिल हैं। ये सभी एक ही घर में रहते थे और पारिवारिक जीवन में बेहद स्नेह से जुड़े हुए थे। इस घटना ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।

गांव में मचा कोहराम, एक साथ जलीं चार चिताएं
शनिवार दोपहर जब चारों शव गांव दौलतगढ़ लाए गए, तो पूरा गांव शोक और मातम में डूब गया। शवों के गांव पहुंचते ही परिजनों के चीत्कार और विलाप से माहौल गमगीन हो गया। एक ही घर के चार-चार लोगों की अर्थियां उठीं तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। गांव के श्मशान घाट पर चारों चिताएं एक साथ जलीं, जहां सैकड़ों लोग मौन श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

स्थानीय प्रशासन की मदद और मुआवजा
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिलाया है। साथ ही, राज्य सरकार की आपदा राहत योजना के तहत मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने मलबे में दबे घर की मरम्मत और अन्य जरूरतों में सहयोग की भी घोषणा की है।

गांव में पसरा मातम, प्रशासन से सुरक्षा उपायों की मांग
गांव दौलतगढ़ में अब भी मौन और शोक का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पुराने कच्चे घरों और दीवारों की सुरक्षा जांच कराई जाए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई त्रासदी न हो। हादसे के बाद ग्रामीणों में काफ़ी आक्रोश और चिंता देखी जा रही है।

यह हादसा एक बार फिर यह सोचने को मजबूर करता है कि ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों की स्थिति कितनी असुरक्षित हो सकती है। एक ही परिवार की चार जिंदगियों का एक पल में यूं खत्म हो जाना बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाला है।

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