रविवार रात करीब 1.45 बजे बीएचयू अस्पताल के गायनी वार्ड में तेज आवाज के साथ पंखा टूटकर महिला मरीज के बेड पर गिर गया। महिला ने सतर्कता दिखाई और तुरंत पीछे हट गई, लेकिन उसकी जान बमुश्किल बची। हालांकि पंखा दो बेडों के बीच इस तरह गिरा कि मरीजों का नीचे उतरना मुश्किल हो गया। महिलाओं ने पूरी रात भय में बिताई। अगले दिन, सोमवार को लगभग आठ बजे पंखे हटा लिये गये। महिलाओं को तुरंत दूसरे वार्ड में ले जाया गया।
स्त्री रोग वार्ड अस्पताल की पहली मंजिल पर, लिफ्ट के सामने है। यहां प्रसव के अलावा अन्य बीमारियों से पीड़ित महिलाओं को सर्जरी के बाद भर्ती किया जाता है। रविवार रात को स्त्री रोग वार्ड में प्रवेश करते समय पहले वार्ड के आठ बेड (बेड संख्या 1 से 8) पर महिलाएं थीं। इनमें से कुछ महिलाओं की सर्जरी हो चुकी थी और कुछ की सोमवार को सर्जरी होनी थी।
इसी बीच दोपहर करीब 1.45 बजे वार्ड के एक तरफ भर्ती दो महिलाओं में से एक के बिस्तर पर ऊपर से पंखा गिर गया। हालाँकि, वह बमुश्किल बच पाई। जिस महिला के बिस्तर पर पंखा गिरा, उसकी सोमवार को सर्जरी होनी थी। जब उसे ऑपरेशन थियेटर में ले जाया जा रहा था तब भी वह डरी हुई थी।
पंखे रातभर शोर करते रहे, मरीज जागकर रात गुजारते रहे।
जिस वार्ड में यह घटना हुई, वहां भर्ती मरीजों के तीमारदारों के अनुसार, एक पंखा टूटकर नीचे गिर गया, लेकिन वहां लगाए गए अन्य पंखे भी ऑपरेशन के दौरान लगातार तेज आवाज करते रहे। इस कारण न तो मरीज और न ही उसके परिवार के सदस्य सो पाए। सभी ने पूरी रात जागकर बिताई।
जब तीमारदारों ने पंखा गिरने की सूचना वार्ड में ड्यूटी पर तैनात पैरामेडिकल स्टाफ को दी तो उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सूचित किया। इसलिए सोमवार सुबह पंखा हटा दिया गया। इसके बाद वार्ड में भर्ती मरीजों को अगले वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद वार्ड को बंद कर दिया गया।
अधिकारी ने क्या कहा?
गायनी वार्ड में पंखा गिरने की घटना की जानकारी मिली। स्टाफ को भेजकर महिलाओं को सुरक्षित दूसरे वार्ड में ले जाया गया। यह संयोग ही था कि किसी को चोट नहीं आई। अस्पताल प्रशासन से लंबे समय से पुराने गायनी वार्ड में मरीजों को भर्ती करने की मांग की जा रही थी। प्रशासन को मरीजों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।