नवादा में फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोन के नाम पर ठगी: दो साइबर अपराधी गिरफ्तार, नकद समेत अहम दस्तावेज बरामद
बिहार के नवादा जिले में साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर आम लोगों को लोन देने के नाम पर ठगने वाले दो साइबर अपराधियों को साइबर पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने धर दबोचा है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से नकदी के साथ-साथ बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मनीष कुमार (28 वर्ष) और अखिलेश सिंह (48 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों को नवादा के रूपो थाना क्षेत्र स्थित तेलारी गांव से गिरफ्तार किया गया। ये लोग खुद को एक फर्जी फाइनेंस कंपनी का प्रतिनिधि बताकर लोगों को लोन देने का झांसा देते थे। जब लोग इनके जाल में फंसते, तो उनसे प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क के नाम पर मोटी रकम वसूल कर गायब हो जाते।
पुलिस ने आरोपियों के पास से 41,500 रुपये नकद, एक टैबलेट, दो स्मार्टफोन, एक कीपैड मोबाइल फोन, 14 एटीएम कार्ड, 14 बैंक पासबुक, कई आधार कार्ड, पैन कार्ड, और यहां तक कि दिल्ली मेट्रो कार्ड भी बरामद किए हैं। पुलिस को संदेह है कि ये दस्तावेज ठगी के अन्य मामलों में भी इस्तेमाल किए जा रहे थे।
एसआईटी की टीम लंबे समय से इन साइबर अपराधियों पर नजर रख रही थी। कई शिकायतों के आधार पर जब जांच को आगे बढ़ाया गया, तो इनका पूरा नेटवर्क सामने आया। पूछताछ में इन लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि वे कई राज्यों में सक्रिय थे और खासकर ग्रामीण इलाकों के लोगों को अपना निशाना बनाते थे, जहां जागरूकता की कमी का फायदा उठाकर ठगी को अंजाम देना आसान होता है।
पुलिस अब इनके बैंक ट्रांजैक्शन्स और मोबाइल रिकॉर्ड की भी जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनका नेटवर्क कितना बड़ा है और अब तक कितने लोगों से ये ठगी कर चुके हैं। साथ ही, अन्य संभावित सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है जो इस गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।
नवादा एसपी ने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति या ऑनलाइन माध्यम से लोन लेने से पहले संबंधित संस्था की पूरी जांच-पड़ताल करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने कहा कि डिजिटल ठगी के मामलों में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।

