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गाजियाबाद में Fake Embassy का खुलासा, VVIP नंबर, लाखों का कैश और लग्जरी गाड़ियां बरामद

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया है। गाजियाबाद के कविनगर स्थित इस दूतावास में एक नहीं, बल्कि चार देशों के चार दूतावास चल रहे थे। इस मकान के बाहर राजनयिक नंबर प्लेट वाली 4....
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उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ किया है। गाजियाबाद के कविनगर स्थित इस दूतावास में एक नहीं, बल्कि चार देशों के चार दूतावास चल रहे थे। इस मकान के बाहर राजनयिक नंबर प्लेट वाली 4 लग्जरी कारें खड़ी थीं। आरोपियों ने गाड़ियों पर राजनयिक नंबर प्लेट लगाकर विदेश मंत्रालय की मुहर लगे फर्जी दस्तावेज तैयार कर रखे थे। एसटीएफ ने छापेमारी में यहां से 12 फर्जी राजनयिक पासपोर्ट बरामद किए हैं।

लोगों को मुहैया कराए जाते थे वीजा

किराए के मकान में चल रहे इस फर्जी दूतावास से 44 लाख 70 हजार रुपये नकद बरामद हुए हैं। खास बात यह है कि एक ही मकान पर चार अलग-अलग देशों के दूतावास बने हुए थे। आसपास के लोग इस मकान से बाहर निकलते समय शांति से निकल जाते थे, लेकिन जब यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने छापा मारा तो सारा राज खुल गया। इस फर्जी दूतावास से लोगों को दूसरे देशों में जाने के लिए वीजा मुहैया कराए जा रहे थे।

धोखाधड़ी करने वाला हर्षवर्धन जैन गिरफ्तार

इस मामले में पुलिस ने गाजियाबाद के कविनगर निवासी आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। हर्षवर्धन किराए के मकान में पश्चिमी आर्कटिक, सबोर्गा, पोल्विया और लोदोनिया जैसे काल्पनिक देशों के दूतावास चलाता था। हर्षवर्धन खुद को पश्चिमी आर्कटिक, सबोर्गा, पोल्विया, लोदोनिया आदि देशों का राजदूत बताता था और राजनयिक नंबर प्लेट वाली कई गाड़ियाँ चलाता था। वह खुद को इन देशों का राजदूत बताकर लोगों को ठगता था।

हर्षवर्धन के घर से क्या बरामद हुआ?

  • राजनयिक नंबर प्लेट वाली 4 गाड़ियाँ
  • सूक्ष्म देशों के 12 राजनयिक पासपोर्ट
  • विदेश मंत्रालय की मुहर वाला एक दस्तावेज़
  • कूट्राचित दो पैन कार्ड
  • विभिन्न देशों और कंपनियों के 5-34 टिकट
  • 2 प्रसिद्ध प्रेस कार्ड
  • 44,70000 नकद
  • कई देशों की विदेशी मुद्रा
  • कई कंपनियों आदि के दस्तावेज़
  • 18 राजनयिक नंबर प्लेट
  • डायरी में लोगों के विभिन्न बैंक खाते और फ़ोन नंबर
  • विभिन्न कंपनियों की 12 घड़ियाँ
  • एक लैपटॉप और एक मोबाइल

हर्षवर्धन ने क्या किया?

हर्षवर्धन ने लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ अपनी छेड़छाड़ की हुई तस्वीर का भी इस्तेमाल किया। उसका मुख्य काम विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर कंपनियों और निजी व्यक्तियों से दलाली करना और फर्जी कंपनियों के ज़रिए हवाला रैकेट चलाना है। पता चला है कि हर्षवर्धन पहले चंद्रास्वामी और अदनान खगोशी (एक अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर) के संपर्क में रहा है।

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