एटा में पत्नी के भाई की हत्या मामले में बहनोई समेत तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा
जिले में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाले एक हत्या के मामले में अदालत ने दोषियों को कड़ी सजा सुनाई है। पत्नी के भाई की हत्या के आरोप में बहनोई, उसके भाई और पिता को मंगलवार को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई गई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश मनीषा की अदालत ने सुनाया।
क्या है मामला
मामला कुछ वर्ष पूर्व का है, जब घरेलू विवाद के चलते पत्नी के मायके पक्ष और ससुराल पक्ष के बीच तनातनी चल रही थी। इस दौरान आरोप है कि बहनोई ने अपने भाई और पिता के साथ मिलकर पत्नी के भाई की हत्या कर दी थी।
घटना के समय पीड़ित पक्ष ने पुलिस में नामजद तहरीर दी थी, जिसमें तीनों को हत्या की साजिश रचने और हत्या करने का दोषी बताया गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की थी।
सुनवाई के दौरान पेश किए गए साक्ष्य
अभियोजन पक्ष ने अदालत में चश्मदीद गवाहों और फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर यह साबित किया कि घटना पूर्व नियोजित थी और तीनों आरोपियों ने मिलकर पीड़ित की हत्या की।
अदालत का फैसला
मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश मनीषा की अदालत ने सभी तीनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 120बी (षड्यंत्र रचना) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक आरोपी पर अर्थदंड भी लगाया है। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि रिश्तों की आड़ में इस प्रकार की नृशंस हत्या समाज के लिए घातक संकेत हैं और ऐसे मामलों में कठोर सजा आवश्यक है।
परिजनों ने जताया संतोष
पीड़ित परिवार ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद थी और अब दोषियों को सजा मिलने से वे खुद को कुछ हद तक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
पुलिस और अभियोजन पक्ष की भूमिका सराहनीय
इस मामले में पुलिस द्वारा की गई जांच और अभियोजन पक्ष की सटीक पैरवी की भी तारीफ हो रही है। न्यायिक सूत्रों के अनुसार, मजबूत साक्ष्यों के चलते अदालत का निर्णय शीघ्रता से आया और न्याय की स्थापना हो सकी।
यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि कानून की नजर में कोई रिश्ता या सामाजिक पद बड़ा नहीं होता — यदि कोई अपराध करता है, तो उसे दंड अवश्य मिलेगा।

