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रेलवे का रिश्वतखोर इंजीनियर...हाथ में थे एक लाख रुपये, तभी सीबीआई ने किया गिरफ्तार, ये तो पहली किस्त थी

रेलवे का रिश्वतखोर इंजीनियर...हाथ में थे एक लाख रुपये, तभी सीबीआई ने किया गिरफ्तार, ये तो पहली किस्त थी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को मैनपुरी में तैनात रेलवे टेलीकॉम जूनियर इंजीनियर (जेई) वेद प्रकाश चतुर्वेदी को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह रकम एक निजी कंपनी के लंबित बिलों को पास करने की एवज में मांगी गई कुल 4 लाख रुपये की रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर ली जा रही थी। सीबीआई की टीम ने वेद प्रकाश से देर रात तक पूछताछ की और उनके आवास पर तलाशी अभियान भी चलाया। जेई वेद प्रकाश चतुर्वेदी पर भेल कंपनी के अधीन काम करने वाली मध्य प्रदेश की पीतांबरा फर्म के दिनेश यादव से अवैध मांग करने का आरोप है। दिनेश यादव की फर्म ने मैनपुरी क्षेत्र में ओएफसी और क्वाड केबल बिछाने और इलेक्ट्रॉनिक सॉकेट लगाने का टेंडर हासिल किया था। बताया जाता है कि ओएफसी और क्वाड केबल का काम पूरा होने के बाद इसे हैंडओवर कर दिया गया था, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सॉकेट न होने के कारण इसका हैंडओवर अभी तक लंबित था। इंजीनियर वेद प्रकाश ने कंपनी के लंबित 20 लाख रुपये के भुगतान की फाइल आगे बढ़ाने के लिए 4 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत की पुष्टि के बाद सीबीआई ने आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। बुधवार को जब वेद ​​प्रकाश रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर एक लाख रुपये ले रहा था, तभी सीबीआई की टीम ने उसे स्टेशन के रिपीटर रूम में दबोच लिया।

सीबीआई टीम में शामिल इंस्पेक्टर मलिक ने जेई को बताया कि उनके पास एक लाख रुपये लेने के संबंध में पुख्ता एफआईआर और सबूत दोनों हैं। गिरफ्तारी के तुरंत बाद सीबीआई ने मैनपुरी में आरोपी वेद प्रकाश के आवास और कार्यालय पर सघन तलाशी अभियान भी चलाया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं, जिनकी अब गहन जांच की जा रही है। सीबीआई के अधिकारी यह भी देख रहे हैं कि आरोपी के खिलाफ पहले से कोई अन्य शिकायत या अवैध लेनदेन से संबंधित जानकारी तो नहीं है। सीबीआई ने वेद प्रकाश चतुर्वेदी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले में आगे की जांच जारी है। हालांकि देर रात तक रेलवे और आरपीएफ के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन कार्रवाई की बात को शांतिपूर्वक स्वीकार किया। इस संबंध में उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी का कहना है कि इस कार्रवाई के संबंध में सीबीआई की ओर से कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने संभावना जताई कि इस मामले की विस्तृत जानकारी गुरुवार तक सीबीआई की ओर से जारी कर दी जाएगी।

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