बारिश बनी कहर, कच्चा मकान गिरा, दंपती समेत एक ही परिवार के आठ सदस्य गंभीर रूप से घायल

प्रदेश में लगातार हो रही बारिश एक ओर जहां गर्मी से राहत ला रही है, वहीं दूसरी ओर यह कहर भी बनती जा रही है। ताज़ा मामला एक कस्बे के ग्रामीण इलाके से सामने आया है, जहां तेज बारिश के चलते एक कच्चा मकान भरभराकर गिर गया, जिसमें एक ही परिवार के आठ सदस्य, जिनमें दंपती और उनके बच्चे भी शामिल हैं, गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसा देर रात का, चीख-पुकार मच गई
यह दर्दनाक हादसा बीती रात करीब 2 बजे उस समय हुआ जब परिवार गहरी नींद में सो रहा था। तेज बारिश और आंधी के कारण मकान की कमजोर दीवारें और छत अचानक ढह गईं। हादसे के बाद घर के मलबे से चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत मलबा हटाकर घायलों को बाहर निकाला।
घायलों की हालत गंभीर
घायल लोगों में मुख्य रूप से पति-पत्नी, उनके तीन बच्चे, बुजुर्ग माता-पिता और दो अन्य परिजन शामिल हैं। सभी को नजदीकी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की एक टीम इलाज में जुटी है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, दो बच्चों और महिला की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा सकता है।
प्रशासन मौके पर, राहत कार्य शुरू
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और आपदा राहत टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। तहसीलदार और क्षेत्रीय लेखपाल ने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। साथ ही प्रशासन ने बारिश में कमजोर और जर्जर मकानों की सूची बनाकर जरूरी कदम उठाने की बात कही है।
गांव में मातम और चिंता का माहौल
हादसे के बाद गांव में दहशत और शोक का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पीड़ित परिवार बेहद गरीब था और वर्षों से उसी कच्चे मकान में रह रहा था। कई बार शिकायत के बावजूद उन्हें पक्का मकान योजना का लाभ नहीं मिल पाया। अब इस हादसे ने प्रशासन की योजनाओं की जमीनी हकीकत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सवाल उठाते हैं हालात
यह हादसा सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि उन सैकड़ों ग्रामीण परिवारों की हकीकत है जो आज भी कमजोर और जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं। लगातार हो रही बारिश ने इन घरों की नींव हिला दी है और यदि जल्द प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो इस तरह की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।