चोरी व लूट में ई-साक्ष्य करता काम…मुठभेड़ के समय धड़ाम, एडिशनल सीपी बोले- साक्ष्य अपलोड न करना गलत

कानपुर में पुख्ता सबूत और सटीक जांच के लिए बनाया गया पुलिस का हथियार (ई-साक्षी एप) शातिर और बड़े अपराधियों के खिलाफ बेकार साबित हो रहा है। इसमें पुलिसकर्मियों को घटनास्थल से फोटो, वीडियो के साथ लोगों के बयान लेकर एप पर अपलोड करने होते हैं। चोरी, डकैती, आत्महत्या, दुर्घटना, सड़क हादसों में यह एप कारगर साबित होता है।
हालांकि, मुठभेड़ में गिरफ्तारी या गुडवर्क दिखाने की बात आती है तो यह फेल हो जाता है। उपरोक्त चारों मामले तो महज एक नमूना हैं, ये मामले कमिश्नरेट के सभी थाना क्षेत्रों से आ रहे हैं। अब इसे तकनीकी दिक्कत कहें या विवेचक का जुगाड़, लेकिन पारदर्शी व्यवस्था पर सवाल जरूर उठ रहे हैं।
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ई-साक्षी एप के फायदे
सबूतों के गायब होने या छेड़छाड़ की आशंका को खत्म करने के लिए ई-साक्षी एप लांच किया गया था। इससे विवेचकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद ई-साक्षी एप पर अकाउंट खोलना होगा। विवेचक को एक यूनिक नंबर मिलता है, जिसके जरिए केस से जुड़ी फोटो, वीडियो आदि अपलोड किए जा सकते हैं।
प्रामाणिकता की होती है जांच
ऐप के जरिए जुटाए गए साक्ष्यों की जियो-टैगिंग भी होती है। फोटो, वीडियो आदि को अक्षांश और देशांतर जैसी भौगोलिक स्थितियों के साथ अपलोड करना होता है। ऐप में अपलोड किए गए साक्ष्यों की प्रामाणिकता की जांच होती है।
केस: एक
25 अप्रैल: बाबूपुरवा थाने के इंस्पेक्टर कपिल कुमार ने बगाही निवासी किशन को शांति उपवन पार्क से चाकू के साथ पकड़ा। वह मौके से गिरफ्तारी का वीडियो ई-एविडेंस ऐप पर अपलोड नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि ऐप काम नहीं कर रहा है।
केस: दो
8 मई: किदवईनगर पुलिस ने शातिर चोर गोपाल टिकल को मुठभेड़ में पकड़ा। इंस्पेक्टर प्रवास शर्मा के मुताबिक, आरोपियों की गिरफ्तारी और बरामदगी के वीडियो बनाए गए थे, लेकिन ऐप में तकनीकी दिक्कतों के चलते अपलोड नहीं हो पाए।
केस: तीन
14 मई: बाबूपुरवा थाने के इंस्पेक्टर गौरव कुमार ने बगाही भट्टा निवासी करन सिंह को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया। यहां भी ई-एविडेंस एप के काम न करने से कार्रवाई के वीडियो और फोटो अपलोड नहीं हो पाए।
केस: चार
15 मई: नौबस्ता थाने के दरोगा नितिन सिंह ने यशोदानगर चौकड़ी के पास मछरिया निवासी कामरान को शराब की तस्करी करते पकड़ा, लेकिन मौके से गिरफ्तारी के वीडियो फोटो अपलोड नहीं कर सके। इसकी वजह ई-एविडेंस एप का काम न करना रही।
एप के इस्तेमाल में कोई दिक्कत आए तो संबंधित अधिकारी से शिकायत करें। मौके से साक्ष्य अपलोड न करना गलत है। ऐसा करते पकड़े गए विवेचकों पर कार्रवाई की जाएगी।