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ईडी की बड़ी कार्रवाई, बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई के 15 ठिकानों पर छापेमारी, अहम सुबूत मिले

ईडी की बड़ी कार्रवाई, बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई के 15 ठिकानों पर छापेमारी, अहम सुबूत मिले

अवैध धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार तड़के बड़ा शिकंजा कसा। देश के तीन प्रमुख शहरों बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई में फैले 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर ईडी ने कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत जुटाए हैं। यह कार्रवाई धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के आरोपों की जांच के तहत की गई।

मुंबई में एक करोड़ की लेन-देन का सुराग

ईडी सूत्रों के अनुसार, छांगुर ने मुंबई के माहिम और ब्रांदा इलाकों में रहने वाले शहजाद शेख उर्फ इलियास शेख के बैंक खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी थी। इसी संदर्भ में इन दोनों स्थानों पर सघन तलाशी ली गई। जांच एजेंसी को इस ट्रांजैक्शन के माध्यम से कथित धार्मिक गतिविधियों के फंडिंग नेटवर्क को खंगालने में बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है।

लखनऊ के चिनहट में सरकारी बाबू के ठिकाने पर छापा

इस कार्रवाई की सबसे अहम कड़ी लखनऊ के चिनहट इलाके में देखने को मिली, जहां ईडी ने छांगुर के करीबी और कथित मददगार राजेश उपाध्याय, जो सीजीएम बलरामपुर कार्यालय में बाबू के पद पर कार्यरत है, के आवास पर छापा मारा। ईडी को आशंका है कि राजेश उपाध्याय ने धर्मांतरण के नेटवर्क को प्रशासनिक सहायता दी है।

बलरामपुर में भी कई स्थानों पर रेड

छांगुर का मूल ठिकाना बलरामपुर में है। यहां भी ईडी की टीम ने उसके आवास और कार्यालयों पर तलाशी ली। टीम को बड़ी संख्या में दस्तावेज, बैंक लेन-देन के रिकॉर्ड, और डिजिटल उपकरण मिले हैं, जिन्हें जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है।

ईडी की इस संयुक्त कार्रवाई में लखनऊ, गोरखपुर और मुंबई से अधिकारियों की विशेष टीमों को शामिल किया गया था। सभी स्थानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच कार्रवाई की गई और किसी भी अवांछित गतिविधि को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस का सहयोग लिया गया।

क्या है मामला?

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर पर अवैध तरीके से धर्मांतरण कराने और इसके लिए देश-विदेश से फंडिंग प्राप्त करने के आरोप हैं। इससे पहले स्थानीय पुलिस और एटीएस ने भी इस मामले में कई खुलासे किए थे। अब ईडी इस मामले में धनशोधन के एंगल से जांच कर रही है।

आगे की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों के नाम छापेमारी में सामने आए हैं, उनसे जल्द पूछताछ की जाएगी। साथ ही डिजिटल डिवाइस से डिलीट की गई फाइलों और ईमेल्स की भी रिकवरी कराई जाएगी, ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।

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