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लखनऊ पुलिस की लापरवाही से घरवालों को नहीं मिला अंतिम दर्शन, हत्या के बाद बिना शिनाख्त किए कर दिया अंतिम संस्कार

लखनऊ पुलिस की लापरवाही से घरवालों को नहीं मिला अंतिम दर्शन, हत्या के बाद बिना शिनाख्त किए कर दिया अंतिम संस्कार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली लापरवाही की घटना सामने आई है, जिसने न केवल पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि एक परिवार को असहनीय पीड़ा भी दी है। गोरखपुर निवासी नवीन यादव की हत्या के बाद लखनऊ पुलिस ने बिना शिनाख्त किए ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, 24 वर्षीय नवीन यादव 24 जुलाई को लखनऊ आया था। यहां से उसे मुम्बई जाने के लिए ट्रेन पकड़नी थी, लेकिन वह घर नहीं लौट सका। परिवार वालों ने जब उससे संपर्क नहीं हो पाया, तो उसकी खोजबीन शुरू की गई। परिजनों ने लखनऊ पुलिस से मदद मांगी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

जांच में सामने आया है कि लखनऊ पहुंचने के बाद नवीन एक ऑटो में बैठा, जहां ऑटो चालक और उसके साथी ने लूटपाट के इरादे से उसकी हत्या कर दी। इसके बाद नवीन का शव बरामद हुआ, लेकिन पुलिस ने शव की शिनाख्त करने की ज़हमत तक नहीं उठाई और शव को ‘अज्ञात’ बताकर अंतिम संस्कार कर दिया।

नवीन के परिजनों का आरोप है कि यदि पुलिस समय पर सतर्क होती और शिनाख्त की प्रक्रिया सही ढंग से की जाती, तो वे अपने बेटे को अंतिम बार देख पाते और उसे अंतिम विदाई दे पाते। लेकिन पुलिस की घोर लापरवाही ने उन्हें यह अधिकार भी छीन लिया।

इस घटना को लेकर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। लखनऊ पुलिस की कार्यशैली और शवों की शिनाख्त प्रक्रिया को लेकर अब जांच की मांग तेज हो गई है।

क्या कहते हैं कानून जानकार:
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी अज्ञात शव का अंतिम संस्कार करने से पहले शिनाख्त की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए। पोस्टर, सोशल मीडिया, स्थानीय थानों को सूचित करने जैसे कदम उठाना अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में यह सब नहीं किया गया।

अब देखना होगा कि इस चूक पर पुलिस विभाग क्या कार्रवाई करता है और क्या दोषियों पर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या मामला यूं ही ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

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