वेटिंग कोटा फिक्स होने से आम यात्रियों की बढ़ी परेशानी, महंगी ट्रेनों में करना पड़ रहा सफर
भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में वेटिंग टिकट का कोटा फिक्स कर दिए जाने के बाद आम यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। खासकर दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख रूटों पर चलने वाली नियमित ट्रेनों में टिकट बुकिंग के दौरान ‘रिग्रेट’ (Regret) स्टेटस आ रहा है, यानी यात्रियों को वेटिंग टिकट भी नहीं मिल पा रहे।
रेगुलर ट्रेनें फुल, वेटिंग टिकट भी नहीं
गौरतलब है कि पहले रेलवे यात्रियों को वेटिंग टिकट जारी करता था और कन्फर्म टिकट मिलने की संभावना बनी रहती थी। लेकिन अब रेलवे ने वेटिंग टिकट की संख्या सीमित कर दी है, जिससे सीमित संख्या में ही वेटिंग टिकट बुक हो पा रहे हैं। इसके बाद सीटें भरते ही ‘रिग्रेट’ का मैसेज आ जाता है, यानी यात्रियों को टिकट ही नहीं मिल पाता।
दिल्ली, मुंबई, पटना, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज जैसे रूटों पर चलने वाली ट्रेनों में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है। खासकर छुट्टियों, त्योहारों और सीजन में यात्रा करना अब आम आदमी के लिए और भी मुश्किल हो गया है।
विकल्प में केवल महंगी ट्रेनें
ऐसे हालात में जिन यात्रियों को आपातकालीन या जरूरी यात्रा करनी होती है, उन्हें मजबूरी में वंदे भारत, शताब्दी और हमसफर जैसी प्रीमियम ट्रेनों का सहारा लेना पड़ रहा है। ये ट्रेनें आम ट्रेनों की तुलना में पांच से छह गुना महंगी होती हैं, लेकिन इन ट्रेनों में फिलहाल सीटें उपलब्ध हैं।
एक यात्री ने बताया—
"नॉर्मल स्लीपर का किराया ₹600 था, लेकिन टिकट न मिलने के कारण मुझे वंदे भारत की चेयर कार में ₹3600 खर्च कर दिल्ली जाना पड़ा।"
आम यात्रियों की जेब पर भारी असर
वेटिंग कोटा फिक्स होने से एक ओर जहां दलालों और एजेंटों की सक्रियता बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर आम यात्रियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिन लोगों की आय सीमित है, उनके लिए लंबी दूरी की यात्रा करना अब एक बड़ा बोझ बनता जा रहा है।
रेलवे का पक्ष
रेलवे का तर्क है कि वेटिंग टिकट सीमित करने से टिकटिंग सिस्टम पारदर्शी होगा और ओवरबुकिंग से बचा जा सकेगा। लेकिन इस नियम से सीधे तौर पर उन यात्रियों को नुकसान हुआ है, जो जनरल या स्लीपर क्लास में सफर करना चाहते हैं।
मांग: वेटिंग कोटा फिर से बढ़ाया जाए
यात्रियों और उपभोक्ता संगठनों ने रेलवे से मांग की है कि वेटिंग टिकट का पुराना सिस्टम बहाल किया जाए या फिर वैकल्पिक ट्रेनों में सामान्य दर पर यात्रा करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

