Samachar Nama
×

मुजफ्फरनगर में ड्रोन अफवाह का खुलासा, लाल-हरी लाइट वाले कबूतर उड़ाकर फैलाई जा रही थी दहशत, दो गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर में ड्रोन अफवाह का खुलासा: लाल-हरी लाइट वाले कबूतर उड़ाकर फैलाई जा रही थी दहशत, दो गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में ड्रोन देखे जाने की अफवाह से जुड़े एक अजीबो-गरीब मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। ड्रोन की झूठी सूचना देकर इलाके में दहशत फैलाने की इस साजिश में कबूतरों के जरिए अफवाह फैलाने का तरीका अपनाया गया। पुलिस ने इस मामले में बुधवार को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर कबूतरों पर लाल और हरी एलईडी लाइट लगाकर उन्हें रात में उड़ाते थे, जिससे ग्रामीण इन्हें ड्रोन समझकर डर जाते थे।

क्या था मामला?

पिछले कुछ दिनों से मुजफ्फरनगर के ग्रामीण इलाकों में रात के समय आसमान में उड़ती अजीबो-गरीब रोशनी को लेकर दहशत फैल रही थी। कई लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने ड्रोन जैसी वस्तु को उड़ते देखा, जिस पर लाल और हरे रंग की लाइटें थीं। इससे इलाके में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई थी और लोगों में डर का माहौल बन गया था।

पुलिस ने जब इसकी गंभीरता से जांच शुरू की, तो सामने आया कि यह ड्रोन नहीं बल्कि कबूतर थे, जिनके शरीर पर एलईडी लाइट्स लगाई गई थीं। इन कबूतरों को योजनाबद्ध तरीके से रात में उड़ाया जा रहा था ताकि ग्रामीण इसे ड्रोन समझकर घबरा जाएं।

आरोपियों का मकसद क्या था?

पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी जानबूझकर इस हरकत के जरिए इलाके में भ्रम और डर फैलाना चाहते थे। उन्होंने कबूतरों के शरीर पर लाल और हरी लाइट लगाकर उन्हें ऐसे समय में उड़ाया जब अंधेरा हो और उनकी पहचान स्पष्ट न हो सके। ग्रामीणों को लगा कि यह ड्रोन है, जो निगरानी या कोई खतरनाक गतिविधि कर सकता है।

इस अफवाह ने कुछ ही दिनों में पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो और अफवाहें वायरल हो गई थीं, जिसमें दावा किया जा रहा था कि कोई अज्ञात ड्रोन लगातार गांवों के ऊपर उड़ रहा है।

पुलिस का एक्शन

मुजफ्फरनगर पुलिस ने साइबर सेल और स्थानीय थाने की संयुक्त टीम बनाकर इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश की। पूछताछ और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर दो युवकों को हिरासत में लिया गया, जो कि कबूतर पालने का काम करते थे। पुलिस के अनुसार, इन युवकों ने कबूतरों पर लाइट लगाकर उन्हें एक खास समय पर उड़ाने की योजना बनाई थी।

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई

गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनमें अफवाह फैलाने, शांति भंग करने और भ्रम उत्पन्न करने जैसी धाराएं शामिल हैं। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र या बाहरी उकसावे की भूमिका तो नहीं है।

पुलिस की अपील

इस मामले के बाद पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि बिना जांच या पुष्टि के किसी भी तरह की अफवाह पर भरोसा न करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, लेकिन उसे बढ़ा-चढ़ाकर सोशल मीडिया पर फैलाने से बचें।

यह मामला एक तरफ जहां रचनात्मक अफवाह फैलाने के नए तरीके को उजागर करता है, वहीं यह भी बताता है कि अब अफवाह फैलाने वाले किस हद तक जा सकते हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच को आगे बढ़ा रही है और अन्य संभावित साजिशकर्ताओं की तलाश कर रही है।

Share this story

Tags