‘सड़क पर जुमे की नमाज न पढ़ें’, यूपी के इस जिले में 31 मार्च-1 अप्रैल के लिए फरमान जारी
उत्तर प्रदेश के मेरठ में ईद-उल-फितर की नमाज को लेकर जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया है। पुलिस प्रशासन ने 31 मार्च और एक अप्रैल को नमाज अदा करने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे। उन्होंने कहा था कि सड़क पर नमाज अदा नहीं की जानी चाहिए। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि किसी भी हालत में ईद-उल-फितर की नमाज सड़क पर नहीं पढ़ी जाएगी। नमाज केवल ईदगाहों और मस्जिदों में ही अदा की जाएगी। विभिन्न समयों पर धार्मिक नेताओं और इमामों के साथ इस बात पर चर्चा हुई है कि नज़्म केवल सामूहिक रूप से पढ़ी जानी चाहिए। इस संबंध में संवेदनशील इलाकों और चौराहों पर बल तैनात किया जाएगा। स्थानीय खुफिया एजेंसियां सक्रिय रहेंगी और सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
सड़क पर नमाज पढ़ी तो दर्ज होगा मुकदमा : एसपी सिटी
उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति सड़क पर नमाज अदा करता नजर आया तो उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। पिछली बार जब कुछ लोगों ने सड़क पर नमाज पढ़ी थी तो 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किये गये थे उनमें से कुछ लोग विदेश चले गये थे।
पासपोर्ट रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी: आयुष विक्रम सिंह
एसपी सिटी ने आगे बताया कि अगर इस प्रक्रिया के तहत किसी के खिलाफ मामला दर्ज होता है तो उसे एनओसी दी जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह विदेश न भाग जाए। कोई आरोपी विदेश न भाग जाए, इसके लिए पासपोर्ट व लाइसेंस रद्द करने के लिए पत्र लिखा जाएगा। मस्जिदों और ईदगाहों के अलावा कहीं भी सड़क के किनारे या सर्विस लेन पर नमाज अदा नहीं की जा सकेगी। न्यायालय ने भी इसी प्रकार के आदेश दिये हैं।