Samachar Nama
×

न चावल खाएं न तुलसी तोड़ें, वर्जित है इन सब्जियों का भोग करना

न चावल खाएं न तुलसी तोड़ें, वर्जित है इन सब्जियों का भोग करना

वेदों की जननी गायत्री का जन्मदिन शुक्रवार को निर्जला एकादशी है। इसे गायत्री जयंती भी कहते हैं। यह हर साल जेठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। अकेले इस दिन व्रत करने से साल की अन्य एकादशियों के समान ही फल मिलता है। वैदिक ज्योतिष अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष डॉ. आदित्य पांडेय ने बताया कि इस व्रत में पानी पीना भी वर्जित है। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार मिथुन राशि में गुरु और बुध की युति, रवि योग के साथ निर्जला एकादशी को बेहद शुभ बना रही है। इस दिन चावल नहीं खाया जाता है। तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते और तुलसी को जल नहीं चढ़ाया जाता। बैंगन, मसूर की दाल, मूली और अन्य जड़ वाली सब्जियां खाना भी वर्जित है। शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए।

Share this story

Tags