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केजीबीवी निरीक्षण में अब जिला अधिकारी नहीं करेंगे हीलाहवाली, बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया नया फॉर्मेट

केजीबीवी निरीक्षण में अब जिला अधिकारी नहीं करेंगे हीलाहवाली, बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया नया फॉर्मेट

राज्य सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) के निरीक्षण प्रणाली में बड़ा बदलाव किया है। अब 746 केजीबीवी विद्यालयों का निरीक्षण करते समय जिला स्तरीय अधिकारी “हीलाहवाली” नहीं कर सकेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में नया फॉर्मेट जारी किया है, जिसमें अधिकारियों को अपने हफ्ते भर के निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी।

अधिकारियों द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से यह बताना होगा कि उन्होंने कौन-कौन से विद्यालयों का निरीक्षण किया, वहां उन्हें कौन-कौन सी कमियां और सकारात्मक पहल मिलीं, और इन कमियों को दूर करने या सुधार लाने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए। यह कदम विभाग की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले समय में निरीक्षण के दौरान हीलाहवाली की घटनाएं सामने आती रही हैं। कई बार अधिकारियों की जमीनी हकीकत से कटती निरीक्षण रिपोर्ट के कारण विद्यालयों में सुधार की प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं हो पाती थी। नया फॉर्मेट इस समस्या का समाधान करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि निरीक्षण वास्तविक स्थिति पर आधारित हो।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न केवल निरीक्षण की गुणवत्ता बढ़ाएगा, बल्कि विद्यालयों में शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों को भी गति देगा। इससे शिक्षा अधिकारियों को यह पता चलेगा कि कौन से विद्यालयों में किस प्रकार की समस्याएं हैं और उन्हें समय पर सुधारात्मक कार्रवाई करनी होगी।

फॉर्मेट के तहत अधिकारियों को यह भी स्पष्ट करना होगा कि निरीक्षण के दौरान किन-किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है, किन प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने की जरूरत है, और किन पहलुओं में विद्यालय अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इससे विभाग को यह भी पता चलेगा कि किस प्रकार के प्रशिक्षण और संसाधनों की जरूरत है।

स्थानीय शिक्षा अधिकारियों ने बताया कि इस फॉर्मेट से अब किसी भी निरीक्षण की रिपोर्ट सिर्फ औपचारिकता नहीं रहेगी। उन्हें विद्यालय की वास्तविक स्थिति, बच्चों की पढ़ाई और शिक्षकों की उपस्थिति जैसी महत्वपूर्ण जानकारी रिपोर्ट में दर्ज करनी होगी। इससे विभागीय स्तर पर नीतियों और योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा।

अधिकारियों का कहना है कि हफ्ते भर की रिपोर्ट के माध्यम से उनका काम और भी अधिक संगठित और जवाबदेह होगा। इससे न केवल केजीबीवी विद्यालयों की स्थिति सुधरेगी, बल्कि बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।

कुल मिलाकर, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी नया फॉर्मेट केजीबीवी विद्यालयों में निरीक्षण प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। अधिकारियों को अब वास्तविक स्थिति के आधार पर कार्य करना होगा और किसी भी तरह की हीलाहवाली या औपचारिक रिपोर्टिंग की गुंजाइश नहीं रहेगी।

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