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कांवड़ यात्रा को लेकर डीआईजी कलानिधि नैथानी अलर्ट, सुरक्षा व्यवस्था और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के सख्त निर्देश

कांवड़ यात्रा को लेकर डीआईजी कलानिधि नैथानी अलर्ट, सुरक्षा व्यवस्था और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के सख्त निर्देश

सावन माह में होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। इसी सिलसिले में डीआईजी कलानिधि नैथानी ने सोमवार को रेंज के सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक की और यात्रा के दौरान लागू की जाने वाली सुरक्षा योजना व रणनीति पर विस्तार से चर्चा की।

बैठक में डीआईजी ने साफ निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश करने वाले तत्वों को पहले से चिन्हित किया जाए और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की अफवाह, अफरा-तफरी या सांप्रदायिक तनाव की स्थिति को तुरंत नियंत्रित किया जाए।

सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी के आदेश

डीआईजी नैथानी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान इंटरनेट मीडिया (सोशल मीडिया) पर विशेष नजर रखी जाए। जो भी व्यक्ति भ्रामक, भड़काऊ या अफवाह फैलाने वाली सामग्री पोस्ट करता है, उसके खिलाफ तुरंत आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में कार्रवाई की जाए। साथ ही, ऐसी पोस्टों का तुरंत खंडन कर जनता को सही जानकारी दी जाए।

सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा

बैठक में यात्रा मार्गों, शिविरों, विश्राम स्थलों, प्रमुख धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन से निगरानी, बैरिकेडिंग, आपातकालीन सेवाएं और यातायात प्रबंधन की रणनीति की भी समीक्षा की गई।

डीआईजी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि यात्रा के दौरान हर जिलाधिकारी और एसपी स्वयं फील्ड में मौजूद रहें और सुरक्षा इंतजामों की निरंतर मॉनिटरिंग करें।

स्थानीय खुफिया इकाइयों को सक्रिय रहने के निर्देश

डीआईजी ने खुफिया इकाइयों को भी सक्रिय रहने को कहा है, ताकि किसी भी संभावित गड़बड़ी की पूर्व सूचना मिल सके और समय रहते कार्रवाई की जा सके।

संवेदनशील इलाकों पर विशेष नजर

उन्होंने यह भी कहा कि संवेदनशील व मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए और जरूरत पड़ने पर फ्लैग मार्च और जन संवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, जिससे शांति और सौहार्द बना रहे।

कांवड़ यात्रा में इस बार लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। ऐसे में प्रशासन का यह अलर्ट रुख यह संकेत देता है कि सरकार और पुलिस दोनों इस पवित्र यात्रा को शांति, सुरक्षा और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने को लेकर पूरी तरह तैयार हैं।

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