आंगनबाड़ी भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोपी जिला समन्वयक धर्मपाल सिंह की सेवा समाप्त
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में हुए भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी (डीएम) ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में तैनात जिला समन्वयक धर्मपाल सिंह की सेवा समाप्त कर दी है। धर्मपाल सिंह पर लंबे समय से भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे और वह वर्तमान में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) कार्यालय में तैनात था।
जांच के दौरान सामने आया कि धर्मपाल सिंह ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों पर नियुक्तियों में नियमों को ताक पर रखकर भारी अनियमितताएं कीं। कई मामलों में रिश्वत लेकर चयन सूची में बदलाव करने और अपात्र अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने के साक्ष्य मिले। शिकायतें मिलने के बाद प्रशासन ने मामले की विस्तृत जांच कराई, जिसमें धर्मपाल सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
डीएम ने की सख्त कार्रवाई
डीएम बरेली ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए धर्मपाल सिंह की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश जारी किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी योजनाओं और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सर्वोपरि है और भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीपीओ कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी उठे सवाल
इस प्रकरण के सामने आने के बाद डीपीओ कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, धर्मपाल सिंह लंबे समय से कार्यालय में प्रभावशाली पद पर रहते हुए निर्णय प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा था। उसकी संदिग्ध गतिविधियों की पहले भी शिकायतें सामने आई थीं, लेकिन तब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी।
अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी होगी जांच
प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में केवल धर्मपाल सिंह ही नहीं, बल्कि भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। यदि कोई और कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनता में संतोष, विभागीय सख्ती की मांग
धर्मपाल सिंह की सेवा समाप्त होने के बाद स्थानीय स्तर पर लोगों ने राहत की सांस ली है। लंबे समय से आंगनबाड़ी भर्ती में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार को लेकर अभ्यर्थी आवाज उठा रहे थे। अब लोगों को उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन इस तरह के मामलों में लगातार सख्ती बरतेगा।
प्रशासन की इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि सरकारी सेवाओं में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ अब समझौता नहीं किया जाएगा और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

