डीजीपी राजीव कृष्ण ने कानून-व्यवस्था सुधार की कमान 21 आईपीएस अफसरों को सौंपी, 10 प्रमुख क्षेत्रों में होगी गहन पुलिसिंग

उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी एवं जवाबदेह बनाने की दिशा में डीजीपी राजीव कृष्ण ने एक नई रणनीतिक पहल की शुरुआत की है। इसके तहत पुलिसिंग के 10 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सुधार का जिम्मा 21 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को सौंपा गया है। यह कदम राज्य में स्मार्ट और परिणाम आधारित पुलिस व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में देखा जा रहा है।
10 फोकस एरिया, हर क्षेत्र पर अलग जोड़ी
डीजीपी ने कानून-व्यवस्था से जुड़े 10 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, जिनमें सुधार आवश्यक हैं। प्रत्येक क्षेत्र की जिम्मेदारी एक-एक अधिकारी मुख्यालय से और एक फील्ड से संयुक्त रूप से निभाएंगे। यह जोड़ी जमीनी हकीकत और रणनीतिक दिशा, दोनों पहलुओं को संतुलित रूप से ध्यान में रखते हुए काम करेगी।
इन 10 फोकस एरिया में शामिल हैं:
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महिला सुरक्षा
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साइबर क्राइम
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अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई
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पुलिस रिस्पांस टाइम सुधार
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सामुदायिक पुलिसिंग
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ट्रैफिक व्यवस्था
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माफिया नेटवर्क पर कार्रवाई
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सोशल मीडिया निगरानी
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थाने स्तर की जवाबदेही
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पुलिस की छवि में सुधार
एक माह में रोडमैप तैयार होगा
डीजीपी के निर्देशानुसार, सभी अधिकारी अपनी-अपनी जिम्मेदारी के तहत एक माह के भीतर एक विस्तृत कार्ययोजना (रोडमैप) तैयार करेंगे। इसमें यह शामिल होगा कि वर्तमान में क्या चुनौतियां हैं, किन क्षेत्रों में तुरंत सुधार की जरूरत है, और किन संसाधनों की आवश्यकता है।
फिर डीजीपी को सौपेंगे रिपोर्ट
अधिकारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट सीधे डीजीपी राजीव कृष्ण को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की राज्यस्तरीय रणनीति तैयार की जाएगी। यह रणनीति थाने से लेकर रेंज स्तर तक लागू की जाएगी ताकि सर्वांगीण सुधार हो सके।
उद्देश्य: असरदार, पारदर्शी और आधुनिक पुलिसिंग
इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की कानून-व्यवस्था को केवल नियंत्रण तक सीमित नहीं रखना, बल्कि उसे लोगोन्मुखी, पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और जवाबदेह बनाना है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस की छवि को विश्वसनीय और संवेदनशील बनाने के लिए नीतिगत बदलावों के साथ-साथ फील्ड स्तर पर ठोस कार्रवाई जरूरी है।