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सावन के पहले सोमवार पर ऐतिहासिक राजेश्वर महादेव मंदिर में मेला, उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

सावन के पहले सोमवार पर ऐतिहासिक राजेश्वर महादेव मंदिर में मेला, उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

सावन माह के पहले सोमवार पर शिवभक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला। रविवार को ऐतिहासिक राजेश्वर महादेव मंदिर में भव्य मेले का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ सुबह से ही उमड़ पड़ी और "बम-बम भोले" के गगनभेदी जयघोषों से वातावरण पूरी तरह शिवमय हो गया।

मेले का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने भगवान शिव का 21 लीटर दूध और पंचामृत से अभिषेक कर किया। इस विशेष अभिषेक के दौरान वैदिक मंत्रों का उच्चारण हुआ और पूरे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार देखने को मिला। मंत्री ने श्रद्धालुओं को सावन की शुभकामनाएं देते हुए भगवान शिव से देश और समाज की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।

इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचकर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और फूल अर्पित किए। मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया था, जिससे पूरा क्षेत्र उत्सवधर्मिता से भर गया।

मेले में कांवड़ियों की विशेष भागीदारी रही। रविवार रात 12 बजते ही कांवड़ियों ने अभिषेक शुरू कर दिया, जो देर रात तक चलता रहा। कांवड़ यात्रा में आए श्रद्धालु गंगा जल लेकर राजेश्वर महादेव के चरणों में अर्पित करने पहुंचे और भोलेनाथ से मनोकामनाएं मांगीं।

सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही। मौके पर डीसीपी सिटी सोनम कुमार और एसीपी सदर हेमंत कुमार ने पहुंचकर पूरी व्यवस्था का जायजा लिया। भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। जाम की स्थिति से बचने के लिए राजपुर चुंगी से यातायात रूट डायवर्ट किया गया था, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मेले में स्थानीय दुकानदारों ने पूजा सामग्री, प्रसाद, कांवड़, भजन-CD, खिलौने और खानपान के स्टॉल लगाए, जिससे मेले में आए बच्चों और परिवारों को एक सांस्कृतिक अनुभव भी मिला।

श्रद्धालुओं का मानना है कि सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और सभी कष्टों का नाश होता है। यही कारण है कि राजेश्वर महादेव मंदिर पर इस दिन विशेष भीड़ देखी गई।

अधिकारियों के अनुसार, आगामी सोमवारों को भी इसी तरह के व्यापक इंतजाम रहेंगे ताकि श्रद्धालु सुरक्षित और सहज रूप से पूजा-अर्चना कर सकें। सावन माह के पहले सोमवार पर श्रद्धा, भक्ति और व्यवस्था का यह सुंदर संगम राजधानीवासियों के लिए अविस्मरणीय बन गया।

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