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डीएलएड की छात्रा आरती वर्मा की बालों से बनी 155.1 फीट लंबी पेंटिंग ने रचा इतिहास, फोर्ब्स वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

डीएलएड की छात्रा आरती वर्मा की बालों से बनी 155.1 फीट लंबी पेंटिंग ने रचा इतिहास, फोर्ब्स वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

कस्बे के चरखारी रोड नई बस्ती निवासी आरती वर्मा, जो डीएलएड की छात्रा हैं, ने अपनी अनूठी कला से न केवल जिले का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। आरती ने मानव बालों से बनाई गई 155.1 फीट लंबी और 3 फीट चौड़ी पेंटिंग तैयार कर फोर्ब्स वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है।

बुधवार को इस असाधारण उपलब्धि के लिए तहसील सभागार में आरती वर्मा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने आरती की प्रतिभा की सराहना की और उसे उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

आरती वर्मा बचपन से ही कला की शौकीन रही हैं। उन्होंने मात्र 12 वर्ष की उम्र से पेंटिंग बनाना शुरू किया था। लेकिन इस बार उन्होंने जो कारनामा किया, वह साधारण नहीं है। चार जून को आरती ने मां शारदा बालिका इंटर कॉलेज के बरामदे में लगातार कई घंटों की मेहनत से मानव बालों से यह अनूठी पेंटिंग तैयार की थी। इस पेंटिंग में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, सरकारी योजनाओं की जानकारी और सामाजिक जागरूकता से जुड़ी कुल 53 चित्रों को दर्शाया गया था।

इस पेंटिंग का अनावरण 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' के अवसर पर किया गया था। तभी से यह कलाकृति चर्चा का विषय बनी हुई थी और अब यह फोर्ब्स वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होकर ऐतिहासिक उपलब्धि बन गई है। यह पहली बार है जब किसी छात्रा ने बालों जैसे असामान्य माध्यम से इतनी लंबी और सार्थक पेंटिंग बनाकर वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई है।

आरती का कहना है कि उन्होंने बालों को माध्यम बनाकर यह संदेश देना चाहा कि रचनात्मकता के लिए किसी विशेष साधन की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि इच्छाशक्ति और समर्पण ही असली ताकत है। उन्होंने बताया कि इस पेंटिंग को बनाने में स्थानीय सैलूनों से बाल इकट्ठा किए गए, जिनका सैनिटाइजेशन कर उपयोग किया गया।

आरती की इस उपलब्धि पर जिलेभर में खुशी का माहौल है। कला, शिक्षा और समाजसेवा से जुड़े लोगों ने उनकी तारीफ की है और कहा है कि यह उपलब्धि अन्य युवाओं को भी नवाचार और समाजिक जागरूकता की दिशा में प्रेरित करेगी।

प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया कि आरती को भविष्य में और भी बड़े मंचों पर प्रोत्साहित किया जाएगा। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि छोटे शहरों से भी बड़े रिकॉर्ड बन सकते हैं, अगर प्रतिभा को सही दिशा और मंच मिल जाए।

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