हैदरगढ़ के औवसानेश्वर महादेव मंदिर में करंट से मौत: हादसे की वजह बना बंदर या लापरवाह वायरिंग? जांच में उलझी गुत्थी
सावन माह में शिवभक्तों के लिए बड़ा हादसा उस समय हुआ, जब औवसानेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक के दौरान करंट फैल गया। इस हादसे में दो किशोरों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग बाल-बाल बचे। मृतकों की पहचान कोठी थाना क्षेत्र के नकटा सहेलिया निवासी रमेश कुमार के बेटे अंकित कुमार और लोनीकटरा के मुबारकपुर निवासी रामकृपाल के बेटे प्रशांत कुमार के रूप में हुई है।
करंट का कारण अब भी स्पष्ट नहीं
हादसे के बाद प्रशासनिक और स्थानीय स्तर पर यह सवाल उठ रहा है कि आखिर यह दर्दनाक करंट हादसा हुआ कैसे? दो संभावनाएं सामने आ रही हैं:
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बंदर की उछलकूद: प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एक बंदर मंदिर परिसर के ऊपर तारों से उलझ गया था, जिससे बिजली की लाइन में गड़बड़ी हुई और करंट फैल गया।
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तारों का मकड़जाल: वहीं, स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का आरोप है कि मंदिर परिसर और प्रवेश गलियारे में बिजली के तारों का अव्यवस्थित जाल बिछा है, जिससे किसी भी समय खतरा बना रहता है।
मृतक जलाभिषेक करने आए थे
जानकारी के मुताबिक, रमेश कुमार अपने बेटों अंकित, विवेक और रामू के साथ सावन सोमवार के अवसर पर जलाभिषेक करने आए थे। इसी दौरान हादसे में अंकित की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, प्रशांत कुमार की भी करंट की चपेट में आने से जान चली गई।
प्रशासन ने की पुष्टि, जांच के आदेश
प्रशासन ने दोनों किशोरों की मौत की पुष्टि कर दी है और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है। एसडीएम हैदरगढ़ और बिजली विभाग के अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जांच का आदेश दे दिया गया है कि यह दुर्घटना बंदर की वजह से हुई या फिर लापरवाह और पुराने तारों की वजह से।
जिम्मेदारी तय होना जरूरी
स्थानीय नागरिकों और शिवभक्तों ने हादसे के लिए मंदिर प्रशासन और बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि हर सावन में लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं, लेकिन बिजली व्यवस्था की स्थिति बदतर बनी हुई है। खुले तारों और असुरक्षित बिजली कनेक्शन पर कभी ध्यान नहीं दिया गया।

