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साइबर जालसाजों की नई चाल, टेलीग्राम ऐप के जरिए किराए के बैंक खातों से कर रहे ठगी की रकम की वसूली

साइबर जालसाजों की नई चाल: टेलीग्राम ऐप के जरिए किराए के बैंक खातों से कर रहे ठगी की रकम की वसूली

साइबर ठगी के मामलों में जहां एक ओर पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर ठगों की कार्यशैली भी पहले से अधिक संगठित और तकनीकी रूप से उन्नत होती जा रही है। अब ये साइबर अपराधी ठगी की रकम मंगवाने के लिए अपने खातों का इस्तेमाल करने की बजाय किराए के बैंक खातों का उपयोग कर रहे हैं, जिन्हें वे टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप के माध्यम से हासिल करते हैं।

किराए पर बैंक खाता उपलब्ध कराने वाला नया नेटवर्क सक्रिय

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ठग अब ‘रेंटेड अकाउंट नेटवर्क’ चला रहे हैं, जिसमें वे कम पढ़े-लिखे, बेरोजगार या लालच में आने वाले लोगों के बैंक खातों का उपयोग करते हैं। इसके लिए प्रत्येक खाते के बदले एक निश्चित रकम दी जाती है, और उससे की गई ठगी की राशि को कई खातों के जरिये घुमाकर निकाल लिया जाता है, ताकि पुलिस उनकी असली पहचान तक न पहुंच सके।

टेलीग्राम बना नया ठिकाना

टेलीग्राम, जो कि एन्क्रिप्शन और गोपनीयता के लिए जाना जाता है, अब साइबर अपराधियों के लिए सुरक्षित अड्डा बन चुका है। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, टेलीग्राम पर ऐसे कई ग्रुप्स सक्रिय हैं, जहां लिखा होता है: “1 दिन के लिए बैंक खाता चाहिए - ₹1,000 मिलेगा”, या “बैंक खाता और आधार कार्ड की फोटो भेजो, आसान कमाई करो।”

इन ग्रुप्स में देशभर के युवक-युवतियों को टारगेट किया जाता है, जिनके नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाकर उनका दुरुपयोग किया जाता है। कई बार खाताधारकों को पता भी नहीं होता कि उनके खाते का उपयोग करोड़ों की ठगी में किया गया है।

पुलिस के लिए चुनौती

साइबर अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि यह ट्रेंड पुलिस के लिए नई चुनौती बन गया है। एक अधिकारी ने बताया,
“जैसे ही कोई पीड़ित रिपोर्ट करता है, हम रकम ट्रेस करते हैं तो वह ऐसे खातों में पहुंचती है जिनका अपराध से सीधा संबंध नहीं होता। ये खाते असली होते हैं, लेकिन किराए पर दिए गए होते हैं।”

ऐसे मामलों में सुराग पाना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि जब तक असली मास्टरमाइंड तक पहुंचा जाए, तब तक वह अपना डिजिटल ट्रेल मिटा चुका होता है।

पुलिस की अपील

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में अपना बैंक खाता, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, या पैन कार्ड किसी अजनबी को न दें। थोड़े पैसे के लालच में किया गया यह कदम कानूनी रूप से उन्हें गंभीर अपराधों में फंसा सकता है।

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