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धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश! जानिए कौन है वो तीन लोग जिनपर छांगुर ने लगाए पैसे देकर फंसाने के आरोप ?

धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश! जानिए कौन है वो तीन लोग जिनपर छांगुर ने लगाए पैसे देकर फंसाने के आरोप ?

अवैध धर्मांतरण गिरोह के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पर पुलिस और ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पाँच दिन की पुलिस हिरासत पूरी होने के बाद सोमवार को उसे लखनऊ जेल में दाखिल कराया गया। ईडी की विशेष अदालत में पेशी के दौरान छांगुर बाबा ने एक बार फिर खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है।

छांगुर बाबा ने तीन लोगों का नाम लेते हुए बताया कि उससे 60 लाख रुपये मांगे गए थे, जो न देने पर उसे फंसा दिया गया। उसने कहा, "वसीउद्दीन उर्फ बब्बू, मोहम्मद अहमद और संतोष सिंह मुझसे पैसे मांग रहे थे। ये लोग 60 लाख रुपये मांग रहे थे। पैसे न देने पर मुझे फंसाया गया है। मैंने किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कराया है। सारे आरोप झूठे हैं। मैं निर्दोष हूँ। लोग पैसे लेकर गवाही दे रहे हैं।"

दरअसल, छांगुर बाबा को 28 जुलाई को पाँच दिनों की ईडी हिरासत में भेजा गया था। यह रिमांड 1 अगस्त को समाप्त हो गई। इस दौरान ईडी की टीम ने जेल में ही उनसे पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। यह पूछताछ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है। छांगुर बाबा पहले से ही उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की हिरासत में है।

22 बैंक खातों के ज़रिए 60 करोड़ रुपये प्राप्त

एटीएस ने लखनऊ के गोमती नगर थाने में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश अवैध धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच शुरू की है। ईडी की जाँच में पता चला है कि छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों ने 22 बैंक खातों के ज़रिए लगभग 60 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं।

नवीन-नीतू के नाम पर करोड़ों की ज़मीन खरीदी

इसमें से बड़ी रकम विदेशी स्रोतों से आई है। शुरुआती जाँच में यह भी पता चला है कि इस पैसे से करोड़ों की अचल संपत्तियाँ खरीदी गईं और कई निर्माण कार्य किए गए। दस्तावेज़ों की जाँच से पता चला कि सभी संपत्तियाँ सीधे छांगुर बाबा के नाम पर नहीं, बल्कि उनके सहयोगियों नवीन रोहरा और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के नाम पर खरीदी गईं। ताकि मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी सीधी भूमिका को छिपाया जा सके।

आंतरिक सुरक्षा को ख़तरे में डालने की साज़िश के सबूत

हाल ही में, ईडी ने छांगुर बाबा के बलरामपुर ज़िले में स्थित पैतृक आवास और मुंबई में दो जगहों पर छापेमारी की थी। यहाँ से कई अहम दस्तावेज़ बरामद हुए, जो अवैध फंडिंग और प्रॉपर्टी सौदों की गवाही देते हैं। इतना ही नहीं, छांगुर बाबा के नेटवर्क के ज़रिए बड़े पैमाने पर धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के ज़रिए देश की आंतरिक सुरक्षा को ख़तरे में डालने की साज़िश के सबूत भी मिले हैं।

धर्मांतरण सिंडिकेट के ख़िलाफ़ मिली शिकायत के अनुसार, छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों ने बलरामपुर स्थित चांद औलिया दरगाह से एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया था। यहाँ वे नियमित रूप से ऐसे बड़े आयोजन करते थे जिनमें देश-विदेश के लोग शामिल होते थे। इन आयोजनों में कमज़ोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से पिछड़े हिंदू परिवारों को निशाना बनाकर धर्मांतरण कराया गया।

करोड़ों की विदेशी फंडिंग का राज, प्रॉपर्टी डील का खुलासा

छांगुर बाबा, उसके बेटे महबूब और साथियों नवीन-नीतू को एटीएस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद जब ईडी की जाँच में करोड़ों की विदेशी फंडिंग और प्रॉपर्टी डील का राज खुला, तो मामला और गंभीर हो गया। इतना ही नहीं, गिरफ्तारी के तुरंत बाद ज़िला प्रशासन ने बलरामपुर में उसके अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राष्ट्रविरोधी कृत्य करार दिया था।

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