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रामलीला कमेटी को लेकर विवाद गहराया, श्रीनाथ मठ के महंत से हाथापाई के मामले में नपा अध्यक्ष समेत 113 लोगों पर मुकदमा दर्ज

रामलीला कमेटी को लेकर विवाद गहराया, श्रीनाथ मठ के महंत से हाथापाई के मामले में नपा अध्यक्ष समेत 113 लोगों पर मुकदमा दर्ज

श्रीनाथ मठ प्रांगण स्थित रामलीला मैदान में हर वर्ष आयोजित होने वाली रामलीला को लेकर इस बार विवाद गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। रामलीला समिति के गठन को लेकर उपजा विवाद सोमवार को उस समय तनावपूर्ण हो गया जब श्रीनाथ मठ के महंत महामंडलेश्वर कौशलेंद्र गिरी के साथ हाथापाई की घटना हो गई।

महंत की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर कोतवाली पुलिस ने नगर पालिका अध्यक्ष विनय शंकर जायसवाल समेत 13 नामजद और करीब 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ देर रात एफआईआर दर्ज कर ली है।

क्या है मामला?

रामलीला आयोजन के लिए गठित कमेटी को लेकर श्रीनाथ मठ और नगर पालिका प्रशासन के बीच पिछले कुछ समय से तनातनी चल रही थी। बताया जा रहा है कि सोमवार को रामलीला मैदान में बैठक के दौरान तीखी बहस हुई, जो देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई।

महंत कौशलेंद्र गिरी का आरोप है कि बैठक में जब उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज करानी चाही, तो नगर पालिका अध्यक्ष और उनके साथ मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें धक्का-मुक्की करते हुए अपमानित किया और गाली-गलौज की।

एफआईआर में गंभीर आरोप

पुलिस को दी गई तहरीर में महंत ने साफ तौर पर नपा अध्यक्ष विनय शंकर जायसवाल और उनके समर्थकों पर जानबूझकर हमला करने, धार्मिक स्थल की गरिमा भंग करने और अभद्र व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।

कोतवाली प्रभारी के अनुसार, धारा 147 (दंगा), 323 (मारपीट), 504 (गाली-गलौज), 506 (धमकी) और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

नगर पालिका अध्यक्ष ने लगाया साजिश का आरोप

इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए नपा अध्यक्ष विनय शंकर जायसवाल ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक "पूर्व नियोजित साजिश" है और वे किसी भी प्रकार की मारपीट में शामिल नहीं थे। उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

रामलीला आयोजन पर संकट के बादल

रामलीला आयोजन को लेकर अब असमंजस की स्थिति बन गई है। हर वर्ष बड़ी श्रद्धा और भव्यता से आयोजित होने वाली यह लीला इस बार विवादों की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।

स्थानीय नागरिकों और रामलीला प्रेमियों में इस विवाद को लेकर नाराजगी है। उनका कहना है कि धार्मिक आयोजन को राजनीति और व्यक्तिगत अहंकार का अखाड़ा न बनाया जाए।

प्रशासन अलर्ट, शांति बनाए रखने की अपील

घटना के बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है। कोतवाली क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है और शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद का समाधान कैसे करता है और क्या श्रीनाथ मठ तथा नगर पालिका मिलकर रामलीला आयोजन की परंपरा को बचाने के लिए कोई साझा रास्ता निकालते हैं या विवाद और बढ़ेगा।

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