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प्रशिक्षण ले रहे आरक्षी ने बैरक की तीसरी मंजिल से कूदकर दी जान, साथी आरक्षियों का हंगामा, हाईवे जाम

 प्रशिक्षण ले रहे आरक्षी ने बैरक की तीसरी मंजिल से कूदकर दी जान, साथी आरक्षियों का हंगामा, हाईवे जाम

फिरोजाबाद जिले की पुलिस लाइन में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया जब प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा एक रंगरुट आरक्षी बैरक नंबर एक की तीसरी मंजिल से कूद गया। गंभीर रूप से घायल आरक्षी की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पूरे पुलिस लाइन परिसर में अफरातफरी मच गई और साथी आरक्षी आक्रोशित होकर हाईवे पर उतर आए, जिससे आवागमन बाधित हो गया।

बताया जा रहा है कि मृतक आरक्षी पुलिस लाइन स्थित बैरक नंबर एक में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा था। बुधवार दोपहर अचानक वह बैरक की तीसरी मंजिल से नीचे कूद गया। जमीन पर गिरते ही उसकी हालत गंभीर हो गई और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। साथी रंगरुटों ने घटना देखी तो सभी सन्न रह गए।

इस घटना से गुस्साए आरक्षियों ने पुलिस लाइन के बाहर आकर राष्ट्रीय राजमार्ग (हाईवे) पर जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मौके पर पहुंचे और आक्रोशित आरक्षियों को समझाया-बुझाया। काफी मशक्कत के बाद जाम को खुलवाया गया और स्थिति पर नियंत्रण पाया गया।

हालांकि मृतक आरक्षी की आत्महत्या के पीछे क्या कारण रहे, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। साथियों का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों से मानसिक रूप से तनाव में था, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इस विषय में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

पुलिस के आला अधिकारी फिलहाल इसे "हादसा" करार दे रहे हैं, आत्महत्या मानने से इनकार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और उसके परिजनों को सूचना दे दी गई है।

घटना ने एक बार फिर प्रशिक्षण के दौरान रंगरुटों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव और प्रशासनिक अनदेखी को उजागर कर दिया है। साथी आरक्षियों का कहना है कि प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन के नाम पर कई बार अत्यधिक दबाव डाला जाता है, जिससे मानसिक स्थिति पर असर पड़ता है।

पुलिस विभाग की ओर से जांच टीम गठित कर दी गई है जो मृतक आरक्षी के साथियों और प्रशिक्षकों से पूछताछ कर रही है। अधिकारी यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि कहीं कोई मानसिक उत्पीड़न या दबाव तो आत्मघाती कदम का कारण नहीं बना

फिलहाल पुलिस लाइन में माहौल गमगीन है और साथी आरक्षी दुखी मन से अपने सहकर्मी को अंतिम विदाई देने की तैयारी में जुटे हैं। वहीं, यह घटना प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि प्रशिक्षण के दौरान जवानों की मानसिक स्थिति और व्यक्तिगत समस्याओं पर भी गंभीरता से ध्यान देना होगा।

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