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नेपाल सीमा पर 'इस्लामिक लैंड' बनाने की साजिश का खुलासा, आयकर विभाग की रिपोर्ट पर केंद्र और यूपी सरकार सतर्क

नेपाल सीमा पर 'इस्लामिक लैंड' बनाने की साजिश का खुलासा, आयकर विभाग की रिपोर्ट पर केंद्र और यूपी सरकार सतर्क

नेपाल सीमा से सटे भारतीय इलाकों को ‘इस्लामिक लैंड’ में तब्दील करने की गहरी साजिश का गंभीर खुलासा आयकर विभाग की गोपनीय जांच रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण भारत की कुछ संदिग्ध धार्मिक संस्थाओं की फंडिंग से नेपाल सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के जिलों में मदरसे, मस्जिदें और अन्य ढांचे तेजी से खड़े किए जा रहे थे, जिनका उद्देश्य न केवल धार्मिक प्रचार बल्कि जनसंख्या और भूगोल (डेमोग्राफी) को बदलना भी था।

आयकर विभाग की इस रिपोर्ट को गृह मंत्रालय को भेजे जाने के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां और उत्तर प्रदेश सरकार तत्परता से कार्रवाई में जुट गई हैं। रिपोर्ट के सामने आने के बाद गैरकानूनी रूप से बने कई मदरसों और मस्जिदों को गिरा दिया गया है

रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि इस पूरे नेटवर्क में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर जैसे कई राष्ट्रविरोधी तत्व सक्रिय हैं, जो विदेशी फंडिंग के सहारे नेपाल सीमा के भारतीय हिस्सों में धार्मिक कट्टरता फैलाने और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए थे

आयकर विभाग की जांच में यह भी सामने आया है कि इन संस्थाओं को दक्षिण भारत के कुछ धार्मिक ट्रस्टों और एनजीओ से भारी मात्रा में फंडिंग मिल रही थी, जिसका उपयोग न सिर्फ धार्मिक ढांचे खड़े करने में, बल्कि स्थानीय युवाओं को प्रभावित कर उन्हें कट्टरता की ओर मोड़ने में भी किया जा रहा था।

रिपोर्ट में नेपाल सीमा से लगे कई इलाकों में संगठित तरीके से जमीन की खरीद, स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत, और फर्जी दस्तावेजों के जरिए मदरसे स्थापित करने जैसी गतिविधियों का उल्लेख किया गया है।

सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में पड़ोसी देश नेपाल के जरिए आतंकी फंडिंग और हवाला नेटवर्क की आशंका भी जताई गई है। केंद्र सरकार ने इस रिपोर्ट को गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में लिया है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), प्रवर्तन निदेशालय (ED) और खुफिया एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए सीमा से लगे जिलों – महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच – में विशेष निगरानी अभियान शुरू किया है। अब तक कई अवैध मदरसे सील किए जा चुके हैं और निर्माणाधीन इमारतों की जांच तेज कर दी गई है

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रदेश की धरती पर किसी भी राष्ट्रविरोधी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा और यदि कोई भी संस्था धार्मिक आड़ में देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाई गई तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी

यह रिपोर्ट न केवल आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि धार्मिक कट्टरता और विदेशी फंडिंग के जरिए देश की सीमाओं के भीतर एक वैचारिक युद्ध छेड़ा जा रहा है, जिसे रोकने के लिए अब सरकारें सख्त कदम उठाने को तैयार हैं।

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